कैथल: डा अंंबेडकर भवन में मनाई ज्योतिबा फूले व बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती

WhatsApp Channel Join Now
कैथल: डा अंंबेडकर भवन में मनाई ज्योतिबा फूले व बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती


कैथल, 13 अप्रैल (हि.स.)। मूलनिवासी सभ्यता संघ, मूलनिवासी संघ, मूलनिवासी विद्यार्थी संघ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले व राष्ट्र निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की संयुक्त जयंती का कार्यक्रम रविवार काे डॉ. अंबेडकर भवन खुराना रोड कैथल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संविधान गीत से शुरू की गई। बामसेफ के राष्ट्रीय प्रचारक एवं संविधान प्रबोधक संधीर बौद्ध ने संविधान की प्रतिज्ञा की सपथ दिलाई और संविधान की प्रस्तावना और मूलनिवासी मेला पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने मौजूदा सरकार की संविधान विरोधी गतिविधियों का विरोध करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार संवैधानिक संस्थाओं का जहां जमकर दुरुपयोग कर रही है, वहीं इनको खत्म करने पर भी आमादा है। रामेश्वर दास ने कहा कि समाज में बड़े पैमाने पर नशा बढ़ रहा है जो कि एक बड़ी गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह समाज के साथ साथ राष्ट्र के लिए भी एक चुनौती बनती जा रही है। इसलिए हमें बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाओं को आज मानने, अपनाने की जरूरत है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान रामफल दयोरा ने कहा कि हमें अपने घरों में भी संविधान को लागू करना चाहिए।

एडवोकेट राजेश कापड़ो ने कहा कि क्या बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर जो संविधान लिखना चाहते थे, क्या सचमुच में वहीं संविधान लिख पाए या नहीं, बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर राज्य और अल्पसंख्यक के नाम से इस संविधान से पूर्व जो संविधान लिखा था, वहीं संविधान भारत में लागू करना चाहते थे लेकिन उस संविधान को बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर लागू नहीं कर पाए। बामसेफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेश द्रविड़ ने कहा कि बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर जी ने 26 जनवरी 1950 को कहा था कि हम विरोधी भावनाओं से परिपूर्ण जीवन में प्रवेश कर रहे हैं।

इन विरोधी भावनाओं से परिपूर्ण जीवन को हम कब तक बिताते चलें जाएंगे ? यदि इसका हम बहुत समय तक खंडन करते रहे तो हम राजनैतिक लोकतंत्र को ख़तरे में डाल देंगे। बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर जी ने यह भी कहा था कि एक राजनीतिक पार्टी केवल चुनाव जीतने के लिए ही नहीं होती बल्कि लोगों को शिक्षित करने, आंदोलित करने और संगठित करने के लिए भी राजनीतिक पार्टी होती है। कविता संग्रह का विमोचन ज्ञानी सज्जन सिंह, रिटायर्ड तहसीलदार महेंद्रपाल धानिया, मक्कम के प्रदेश अध्यक्ष सुनील निम्बैरन, गोपाल दास कश्यप, जगदेव सिरोही, चंद्रमोहन, ओमप्रकाश सोलरा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। मंच का संचालन गुरदेव जांगड़ा, बिजेंद्र राठी ने किया। कार्यक्रम के अंत में संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला कमेटी की ओर से गुरू का लंगर भी लगाया गया और कार्यक्रम के अंत में इंद्र सिंह धानिया ने उपस्थित साथियों का धन्यवाद प्रकट किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मनोज वर्मा

Share this story

News Hub