फरीदाबाद: डिजिटल अरेस्ट मामले में साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज, जल्द होगी गिरफ्तारी
फरीदाबाद, 05 नवम्बर (हि.स.)। साइबर ठगों द्वारा महिला पर 3.8 करोड़ रुपए का मनी लॉन्ड्रिंग और ह्युमन ट्रैफिकिंग का आरोप लगा कर ढाई लाख रुपए का फ्रॉड करने व डिजिटल अरेस्ट मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जल्द ही पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी करेगी।
पीडिता की शिकायत के मुताबिक 12 अक्टूबर को उसे कस्टम विभाग लखनऊ के अधिकारी बताकर स्काइप पर कॉल किया और कहा कि उसके नाम और आधार कार्ड नंबर से एक पार्सल कंबोडिया जा रहा है। जिसमें 16 पासपोर्ट और 68 एटीएम है, यह पार्सल सीज कर दिया है। करीब 3.8 करोड रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की है। आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट वारंट और अदालत से संबंधित कागजात भेजे, जिसमें पीडिता को आधार नम्बर और नाम के साथ डिजिटल अरेस्ट दिखाया गया था। आरोपियों ने पीडिता के फोन की वीडियो ऑफ कर कॉल पर बने रहने, फोन बन्द व कॉल को डिस्कनेक्ट न करने को कहा। पीडिता आरोपियों के निर्देश अनुसार काम करते हुए उनके जाल में फसती चली गई। पीडि़ता द्वारा ढाई लाख रुपये आरोपियों के खाते में ट्रांसफर करने के बाद आरोपियों ने सीबीआई से अग्रिम जमानत के बेल ऑर्डर भेजे। और कहा कि तुम इस केस से फ्री हो गई हो। पीडिता ने वारदात के बारे में भाई को बताया।
पीडिता से हुई ठगी के बारे में पता चला तो साइबर थाना एनआईटी में शिकायत दी जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की तलाश जारी है और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस लगातार शहर में स्कूल, कॉलेजों और मार्किट में साइबर जागरुकता अभियान चलाए जा रहे है। साइबर जागरूकता ही बचाव है साइबर ठगी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर सूचना दे और उन्हें अपने साथ हुई साइबर ठगी के बारे में जानकारी दें। साइबर टीम द्वारा साइबर अपराधियों के बैंक खातों को फ्रीज करवाने पर साइबर पीडि़त के पैसे वापिस मिल सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव
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