हिसार: श्री तिरुपति धाम में आयोजित माता गोदांबा कल्याणोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों से उमड़े श्रद्धालु
पूरे विधि-विधान से दक्षिण भारतीय शैली में मनाया माता गोदांबा कल्याणोत्सव
हिसार, 15 जनवरी (हि.स.)। सांस्कृतिक सामंजस्य व अध्यात्म की अलख जगाने वाले श्री तिरुपति बालाजी धाम में माता गोदांबा कल्याणोत्सव पूरे विधि-विधान से सोमवार को धूमधाम से आयोजित किया गया। दक्षिण भारतीय शैली में आयोजित किए गए गोदांबा माता के विवाहोत्सव में कड़कती ठंड के बावजूद हिसार सहित विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
माता गोदांबा के धनुर्मास के समापन पर आयोजित किए गए माता गोदांबा विवाह महोत्सव में पूरे श्रद्धाभाव के साथ पाणिग्रहण संस्कार किया गया। इस महोत्सव की छटा देखकर दक्षिण भारतीय कल्याणोत्सव की झलक स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुई। विवाह महोत्सव के दौरान भगवान श्री वेंकटेश्वर व माता गोदांबा धाम के जगमोहन में विराजमान हुए और दक्षिण भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार कल्याणोत्सव संपन्न हुआ। इस दौरान भक्तजन जय गोविंदा, तिरुपति बालाजी की जय, जय वेंकटेश्वर एवं जय माता गोदांबा के जयघोष करते रहे। कल्याणोत्सव के उपरांत सभी श्रद्धालुओं में भोजन प्रसादी का वितरण किया गया।
मान्यता है कि माता गोदांबा की भक्ति व आस्था के प्रतिफल स्वरूप भगवान रंगनाथ प्रसन्न हुए। इसलिए उपासना की अवधि को धनुर्मास कहा जाता है। धनुर्मास के अंतिम दिन मकर संक्रांति को माता गोदांबा का सिंगार करके भगवान रंगनाथ के साथ विवाह महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस विवाह महोत्सव में श्रद्धालु नए वस्त्र पहनकर पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि इस दौरान मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है। भगवान रंगनाथ श्री तिरुपति बालाजी का ही स्वरूप हैं।
कल्याणोत्सव के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने श्री तिरुपति धाम में श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के भी दर्शन किए। अग्रोहा रोड पर लांदड़ी टोल प्लाजा के पास स्थापित श्री तिरुपति बालाजी धाम में 42 फुट ऊंचा सोने का श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम् व श्री तिरुपति यज्ञशाला भी विशेष दर्शनीय हैं। धाम की श्रीनिवास गोशाला, श्री तिरुपति यज्ञशाला एवं पवित्र पुष्करणी भी श्रद्धा के विशेष केंद्र बने हुए हैं। यहां पर 71 फुट ऊंचा गोपुरम भी निर्माणाधीन है। यह गोपुरम दक्षिण भारतीय शैली में वहीं के कारीगरों द्वारा निर्मित किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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