हिसार : भारत संस्कारों की भूमि, यहां का कण-कण भगवान शंकर : साध्वी करूणागिरी

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हिसार : भारत संस्कारों की भूमि, यहां का कण-कण भगवान शंकर : साध्वी करूणागिरी


हिसार : भारत संस्कारों की भूमि, यहां का कण-कण भगवान शंकर : साध्वी करूणागिरी


भगवान की कथा सुनना ही काफी नहीं है, कथा का मनन भी जरूरी

बच्चों को अच्छे संस्कार दें और बच्चे बड़ों की आज्ञा मानकर आगे बढ़ें

हिसार, 14 अप्रैल (हि.स.)। भारत भूमि का यह सौभाग्य है कि हमारा देश तीर्थों

की भूमि है। यहां का कण-कण शंकर है और पत्ता पत्ता भाव का स्वरूप है। इसीलिए ऋषि मुनियों

ने भारत को सोने की चिड़िया कहा है और हमें अपने ऐसे देश पर गर्व होना चाहिए।

यह बात महामंडलेश्वर साध्वी करूणागिरी जी महाराज ने श्री प्रयागगिरी शिवालय

ट्रस्ट की ओर से संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग के सानिध्य में चल रही श्री

शिवपुराण कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। सोमवार की कथा में उन्होंने

अनेक प्रसंग सुनाए और कहा कि केवल भगवान की कथा सुनना ही काफी नहीं है, कथा का मनन

भी जरूरी है। कथा में जो बताया जाता है, उसका पालन करो, तभी भगवान प्रसन्न होंगे। उन्होंने

कहा कि भारत भूमि संस्कारों की जननी है, यही देश है जहां संस्कारों की बात होती है

और उन पर चला जाता है। भारत के अलावा दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं है, जहां संस्कारों

की बात होती हो। यही वजह है कि हमारे देश में 12 ज्योतिर्लिंग, 522 शक्तिपीठ एवं चार

धाम है। तीर्थों पर घूमते-घूमते सनातन धर्म को मानने वालों का जीवन कम पड़ सकता है

लेकिन भारत के तीर्थ कम नहीं पड़ेंगे।

साध्वी करूणागिरी महाराज ने कथा के दौरान मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की स्थापना

व उसके दर्शन के महत्व के बारे में बताया। इसी तरह उन्होेंने बताया कि उज्जैन में भगवान मंगलनाथ

के दर्शन करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। मंगलदेव भगवान शिव के मानस पुत्र कहे

जाते हैं। वे भूमि से उत्पन्न हुए तो उनका एक नाम भौम भी है। उन्होंने कहा कि कथा में

माता, पिता अभिभावक व बच्चे सभी आए हुए हैं। माता, पिता व अभिभावकों को चाहिए कि वे

अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें और बच्चे अपने बड़ों की आज्ञा का पालन करते हुए उनके

अनुभव से सीखकर आगे बढ़ें। परस्पर तालमेल ही जीवन में उन्नति का आधार है।

श्री प्रयागगिरी शिवालय ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने इस अवसर

पर आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कथा का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि कथा का

श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ उठाया है, जो अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि श्री प्रयागगिरी

शिवालय ट्रस्ट से जुड़ी संस्थाए समाजसेवा के हर काम में अग्रणी रहती है और प्रयास है

कि संस्थाएं भविष्य में भी हर जरूरतमंद की मदद करती रहें।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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