मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में की तोडफ़ोड़, लापरवाही का आरोप
पुलिस की 112 टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले को करवाया शांत
फतेहाबाद, 16 नवंबर (हि.स.)। जिले के गांव बोड़ा के मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने गुरुवार को रतिया शहर के फतेहाबाद रोड स्थित अशमीत अस्पताल में तोडफ़ोड़ करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। बढ़ते हंगामे को देखकर अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा 112 पर पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत करवाया। इसके बाद परिजन मृतक के शव को गांव बोड़ा ले गए। पुलिस ने बताया कि इस मामले में उनके पास किसी भी पक्ष ने कोई शिकायत नहीं दी है।
मिली जानकारी के अनुसार गांव बोड़ा निवासी 56 वर्षीय सतपाल की बुधवार को गांव में उल्टी दस्त लगने से तबीयत खराब हो गई। इसके चलते सतपाल के परिजननें ने उसे बुधवार शाम को रतिया के फतेहाबाद रोड स्थित अशमीत हस्पताल में भर्ती करवाया था। डॉक्टर ने रात को ड्रीप भी लगाई थी।
सतपाल के परिजन मदन लाल, बाबूलाल व अन्य ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टर बीएएमएस आकाश और अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण ने उन्हें रात को आश्वासन दिया कि मरीज की हालत में सुधार है तथा सुबह तक मरीज पूरी तरह सही हो जाएगा। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के संचालक उन्हें रात भर गुमराह करते रहे तथा गुरुवार सुबह परिजनों से कह दिया गया कि मरीज की हालत नाजुक हो गई है इसलिए वह सतपाल को किसी अन्य अस्पताल में ले जाए। परिजनों का आरोप है कि वह अभी सतपाल को अस्पताल से थोड़ी दूर फतेहाबाद रोड की तरफ लेकर गए थे कि उन्हें सतपाल की मौत हो जाने का एहसास हुआ।
इसके बाद परिजन सतपाल के शव को लेकर अशमीत अस्पताल के बाहर लेकर आ गए। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा कि उनके मरीज की अस्पताल में रात को ही मौत हो गई थी लेकिन अस्पताल संचालक ने उन्हे गुमराह करते हुए सुबह मरीज की हालत बिगडऩे की बात कर कहीं और लेकर जाने को कह दिया।
परिजनों में अस्पताल संचालकों में इतना रोष था कि वे अस्पताल को बंद करने की चेतावनी दे रहे थे। परिजनों के बढ़ते हंगामे को देखकर अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा पुलिस के 112 नंबर पर सूचना दी। जिस पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कर वहां से शव सहित उनके गांव बोड़ा रवाना किया।
अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण ने बताया कि मरीज की तबीयत के बारे में परिजनों को पूर्व में ही सूचना दे दी गई थी। सुबह परिजनों के सामने ही ऑक्सीजन लगाकर मरीज को रेफर किया गया था। यहां से जाने के बाद मरीज की मौत हो गई जिसमें उनके अस्पताल के डॉक्टरों की किसी प्रकार ने की कोई लापरवाही नहीं हुई है। मरीज के परिजनों ने अस्पताल में तोडफ़ोड़ की है जिसकी सूचना पुलिस की 112 टीम को दी गई थी।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन
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