सहकारी बैंक में घोटाला मामले में महाप्रबंधक सहित तीन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज

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सहकारी बैंक में घोटाला मामले में महाप्रबंधक सहित तीन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज


अधिकारियों ने बैंक रिकार्ड में हेराफेरी व छेड़छाड़ की: चेयरमैन

फतेहाबाद, 7 नवंबर (हि.स.)। सहकारी बैंक फतेहाबाद में लाखों रुपये के घोटाले को लेकर बैंक चेयरमैन ने महाप्रबंधक सहित तीन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। इन तीनों पर बैंक रिकार्ड में हेराफेरी, रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और चहेती फर्म को टेंडर जारी कर हुए लाखों रुपये का फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है।

पुलिस को दी शिकायत में सहकारी बैंक फतेहाबाद के चेयरमैन नरेश कुमार तनेजा व निदेशक मनीराम ने बताया है कि महाप्रबंधक दीपक मोर, लेखाकार विपिन बैनीवाल और राजपाल हुड्डा ने नियमों के विरुद्ध कार्य कर बैंक के रिकार्ड में हेराफेरी व छेड़छाड़ की है। इन लोगों ने मनमाने ढंग से बैंक में सामान खरीदने का टेंडर जारी करके बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि बैंक में सीसीटीवी कैमरे व अन्य सामान खरीदने के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसमें नरेश कुमार, मनीराम राम, बैंक महाप्रबंधक दीपक मोर व विपिन बैनीवाल शामिल थे। 28 अप्रैल 2023 को टेंडर खोलने को लेकर मीटिंग हुई लेकिन किसी कारण से यह मीटिंग स्थगित कर दी गई। नियमानुसार महाप्रबंधक मोर ने दोबारा मीटिंग बुलाने को एजेण्डा जारी न करके उन्हें 6 मई को पत्र भेजकर सूचना दी कि वे दोनों तीन दिन के अंदर बैंक में आकर खरीद प्रक्रिया में भाग लें। इस पर वे 8 मई को बैंक गए लेकिन वहां महाप्रबंधक के न मिलने पर उन्हें वापस आना पड़ा। अब जब उसने स्थापना अधिकारी से पूछताछ की तो उसे पता चला कि 8 मई को ही महाप्रबंधक दीपक मोर का तबादला हो चुका था। तबादले के बाद महाप्रबंधक ने आनन-फानन में नियमों के विरुद्ध जाकर सब कमेटी की अवैध रूप से मीटिंग की और मीटिंग में चेयरमैन नरेश कुमार व निदेशक मनीराम को गैर हाजिर दिखाकर अपनी चहेती फर्म को टेंडर जारी कर दिया। 10 मई को दीपक मोर के महाप्रबंधक के कार्य छोडऩे के दिन स्थापना अधिकारी राजपाल ने फर्म को 25 लाख का भुगतान भी कर दिया गया। जबकि बैंक की किसी भी शाखा में उक्त फर्म ने कोई सीसीटीवी कैमरा व फायर सिस्टम नहीं लगाया गया है।

शिकायतकर्ता के अनुसार जिस सामान की खरीद की गई है, वह भी घटिया स्तर के हैं। चेयरमैन ने आरोप लगाया कि तीनों अधिकारियों ने मिलकर ई-टेंडरिंग खरीद प्रक्रिया के बैंक रिकार्ड व कागजात में हेराफेरी की और बैंक के साथ धोखाधड़ी की है। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/सुनील

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