रोहतक: लंबा सायरन बजने के साथ हुई नागरिक सुरक्षा गतिविधि,भीड़ होने के कारण लगाई वैकल्पिक सीढ़ी

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रोहतक: लंबा सायरन बजने के साथ हुई नागरिक सुरक्षा गतिविधि,भीड़ होने के कारण लगाई वैकल्पिक सीढ़ी


पीठ व स्ट्रेचर पर प्राथमिक उपचार कक्ष तक लाए गए लोग

लोगों ने की घबराने व दम घुटने की शिकायत

सीपीआर अधिकारी द्वारा दी गई चिकित्सा सहायता

रोहतक, 7 मई (हि.स.)। जिला प्रशासन द्वारा लघु सचिवालय में प्रभावशाली नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) किया गया, शाम करीब चार बजे बजे हवाई हमले की चेतावनी देने वाला लंबी अवधि का सायरन बजा। सायरन बजने के साथ ही नागरिक सुरक्षा से संबंधित गतिविधियां आरंभ हो गई। सायरन की चेतावनी को समझते हुए लघु सचिवालय के अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा आमजन ने सीढिय़ों से उतरना शुरू कर दिया। अधिकतर लोग घबरा गए थे और उन्होंने दम घुटने की शिकायत की थी। सीढिय़ों में अधिक भीड़ होने की वजह से नागरिक लघु सचिवालय के भवन में फंस गए। इस स्थिति में वैकल्पिक सीढ़ी लगाई गई। स्वयं सेवकों द्वारा सर्व प्रथम बच्चों को पीठ पर बैठाकर नीचे लाया गया। इसके उपरांत गर्भवती महिलाओं व दिव्यांगजनों को भी प्रथम व द्वितीय तल से नीचे उतारा गया।

बुजुर्ग भी इस वैकल्पिक सीढ़ी के माध्यम से नीचे लाए गए। जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा घटनास्थल पर ही प्राथमिक उपचार कक्ष स्थापित किया गया था, जहां घायलों को प्रशिक्षित सीपीआर ऑफिसर द्वारा प्रथम चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। प्रत्येक जरूरतमंद लोगों को सीपीआर दिया गया। घायल हुए लोगों का पट्टी बांधकर उपचार किया गया, जो लोग गंभीर अवस्था में थे, उन्हें तुरंत प्रभाव से अस्पताल पहुंचाया गया। फंसे हुए लोगों को प्राथमिक चिकित्सा कक्ष तक लाने के लिए स्ट्रेचर, व्हीलचेयर व पीठ का प्रयोग किया गया। प्राथमिक उपचार के उपरांत जो लोग चलने के स्थिति में थे उन्हें दो स्वयं सेवकों द्वारा पकड़ कर वाहन में बैठाकर अस्पताल ले जाया गया।

इसके साथ ही रक्तदाताओं की भी सूची भी तैयार की गई थी ताकि संबंधित ग्रुप के रक्तदाताओं को मौके पर बुलाकर रक्तदान करवाया जा सके। इस दौरान लघु सचिवालय परिसर के आसपास संतोषजनक संख्या में एम्बुलेंस भी पहुंच गई थी। मॉक ड्रिल के दौरान परिवहन की बसों, स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस व अग्निशमन वाहनों को लघु सचिवालय से सिविल अस्पताल व पीजीआई भेजने का अभ्यास किया गया। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र और आपातकालीन प्रतिक्रिया का परीक्षण और सुदृढक़रण है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अभ्यासों से नागरिकों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल

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