पूर्व विधायकाें काे दाे सप्ताह में खाली करने हाेंगे सरकारी आवास

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चंडीगढ़, 24 सितंबर (हि.स.)। विधानसभा सचिवालय ने 14वीं विधानसभा के विधायकों को चंडीगढ़ में एमएलए फ्लैट्स खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं। इनमें कुछ फ्लैट्स चंडीगढ़ प्रशासन तो कुछ हरियाणा के अधीन आते हैं। पुराने विधायक जैसे ही आवास को खाली करेंगे तो लोक निर्माण विभाग इनमें मरम्मत आदि करके नए विधायकों को अलाट करने के लिए अपनी तरफ से सचिवालय को सूचित करेगा।

एमएलए हॉस्टल में हरियाणा के विधायकों के लिए कुल 66 फ्लैट्स का प्रावधान किया गया है। इनमें किराए के लिहाज से कुल तीन कैटेगरी के फ्लैट्स हैं। इनकी मेंटेनेंस और मरम्मत का खर्च हरियाणा को उठाना पड़ता है। 66 फ्लैट्स में से 1 से 60 संख्या तक जो कि यूटी के तहत आते हैं, जिसमें से 22 फ्लैट्स हरियाणा के विधायकों को अलॉट किए जाते हैं। इनका मासिक किराया 300 रुपये और मोटर गैराज के 75 रुपये मिलाकर कुल 375 रुपये है। दूसरी कैटेगरी के जो फ्लैट्स में हरियाणा के अधीन 61 से 72 तक कुल 12 फ्लैट्स हैं, जिसमें मोटर गैराज की सुविधा नहीं है और मासिक रेंट एक हजार रुपये है। इसके बाद तीसरी कैटेगरी में 101 से लेकर 308 तक के तहत हरियाणा के कुल 32 फ्लैट्स हैं जिनका मासिक रेंट एक हजार और मोटर गैराज शुल्क 200 है तो ऐसे में कुल 1200 रुपये मासिक रेंट बनता है।

नियमानुसार है कि अगर कोई भी निवर्तमान विधायक सरकारी आवास 15 दिन के भीतर खाली नहीं करेगा तो उसे निर्धारित मासिक किराए से डेढ़ सौ गुना ज्यादा फाइन जमा करवाना पड़ेगा। विधानसभा भंग होने के बाद अगले 15 दिन के अंदर-अंदर सभी दलों के निवर्तमान विधायकों को सरकारी आवास खाली करने के अलावा कई तरह की अन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होती। इसको लेकर अब विधानसभा सचिवालय की तरफ से आदेश भी जारी कर दिया गया है कि 15 दिन के अंदर-अंदर सभी पूर्व विधायक सरकारी आवास का रेंट जमा करवा दें और इसके अलावा जो अन्य सुविधाएं उनको मिल रही थीं, उनका भी वह इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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