झज्जर: लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है हस्तशिल्प मेला
-सांस्कृतिक पंडाल में जमकर नाचते हैं बच्चे
झज्जर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, कलाकार, नृत्यकार, संगीतकार, गांव से लेकर शहर तक सभी यहां चल रहे हस्तशिल्प और सांस्कृतिक उत्सव को देखने के लिए चले आ रहे हैं। शाम होते-होते लोग रंगारंग कार्यक्रम में शिरकत करने लगे। छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं और विद्यार्थियों ने जमकर मंच पर अपने मनपसंद संगीत के साथ नृत्य किया। बच्चों के नृत्य को लोगों से खूब प्रशंसा मिली।
प्रत्येक दिन सांस्कृतिक उत्सव में कार्यक्रम की शोभा नृत्यकार, संगीत और परंपरागत शैली से जुड़े लोग बढ़ा रहे हैं। आयोजन समिति के सदस्य सूर्यकांत ने कहा, बहादुरगढ़ क्षेत्र के लिए गौरव की बात है कि यहां अन्य तमाम राज्यों के लोग सांस्कृतिक उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। मंगलवार को प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए नगर परिषद चेयरपर्सन सरोज रमेश राठी भी पहुंची। यहां पर उन्होंने विभिन्न उत्पादों को देखा।
हस्तशिल्प मेले में उत्तर प्रदेश के कारपेट, जम्मू कश्मीर का कपड़ा, राजस्थानी रजाई, सांगानेर का ब्लॉक प्रिंट, मुरादाबाद का पीतल वर्क, दिल्ली की ऑयल पेंटिंग, राजस्थानी जूती, टेराकोटा, ब्लू पॉटरी, ज्वेलरी, वेस्ट तारों से बनी हुई पेंटिंग, फुलकारी पंजाब की, उड़ीसा की पट चित्रकारी, बंगाल का कपड़ा व चटाई, हरियाणा दिल्ली राजस्थान का लकड़ी से बना सामान शिल्प कला प्रेमियों को लुभा रहा है। नाबार्ड के द्वारा महिलाओं को दिया गया सहयोग भी उल्लेखनीय है। ग्रामीण क्षेत्र से विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्पादों को इस सांस्कृतिक उत्सव में दर्शाया गया है।
आगंतुक अपनी पसंद की चीजें बड़े चाव से खरीद रहे हैं। यह 10 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव 5 नवंबर को रंगारंग कार्यक्रम के साथ समाप्त हो जाएगा। सांस्कृतिक उत्सव में संगीत से जुड़े लोगों का भी ख्याल रखा गया है। कभी गजल, कभी कव्वाली, कभी कवि सम्मेलन और कभी वेस्टर्न संगीत को भी अलग-अलग दिन सांस्कृतिक उत्सव के मंच पर प्रस्तुति के लिए लाया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ शील/संजीव
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