कैथल: दुकानों से 12 बाल मजदूरों को मुक्त कराया, पांच दुकानदारों पर केस
कैथल, 5 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने सोमवार देर शाम चीका में पांच दुकानों पर छापेमारी कर 12 बाल मजदूरों को मुक्त कराया। दुकानदार उनसे 5 से 10 हजार प्रति माह की पगार पर 12 घंटे से अधिक काम ले रहे थे। चीका पुलिस ने सभी दुकानदारों के खिलाफ बाल मजदूरी निषेध एवं नियमन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के स्टेट कोऑर्डिनेटर पुनीत शर्मा की अगवाई में बाल कल्याण समिति के सदस्य प्रदीप कुमार, लेबर इंस्पेक्टर अशोक कुमार, चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिस से अमरजीत सोनू वह पुलिस के सब इंस्पेक्टर मदनलाल शामिल थे। कोऑर्डिनेटर पुनीत शर्मा ने बताया कि बाल संरक्षण आयोग ने 10 दिसंबर तक बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चला रखा है। उन्हें हरियाणा के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने चीका शहर में विभिन्न दुकानों का टीम के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान पांच दुकानों पर 8 बच्चों को कार्य करते हुए पाया।
चीका बस स्टैंड के पास सुशील ढाबा पर छापामारी के दौरान उन्हें 15 साल के अमरजीत, पवन कुमार व 14 वर्षीय महादेव काम करते हुए मिले। वह ढाबे पर सुबह 7 बजे से लेकर रात के 7 बजे तक काम करते हैं और ढाबा मालिक उन्हें 5 से 8 हजार रुपए प्रति माह वेतन देता है। बाजार में मोहरा गारमेंट पर 14 वर्षीय सुमित काम करते हुए मिला। ओम दी हट्टी पर 17 वर्षीय सुमित, गुप्ता हैंडलूम पर सनी कुमार, भवानी शू एजेंसी पर आर्यन खान व साहिल को काम करते हुए पाया। पुलिस ने दुकानदार सुशील कुमार, दीपक कालड़ा, गौरव, रजनीश व भगवानदास के खिलाफ बाल मजदूरी (निषेध एवं नियमन) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/सुमन/संजीव
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