कैथल: हरियाणा सरकार ने बॉर्डर को जंग का मैदान और जेल बना दिया: चढूनी

कैथल: हरियाणा सरकार ने बॉर्डर को जंग का मैदान और जेल बना दिया: चढूनी
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कैथल: हरियाणा सरकार ने बॉर्डर को जंग का मैदान और जेल बना दिया: चढूनी




बोले: पंजाब के संगठनों ने उनके आगे रखी थी राजनीति में ना उतरने की शर्त

कैथल,1 मार्च (हि.स.)। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किसान आंदोलन पर बोलते हुए कहा कि किसान जब अपना हक मांगने दिल्ली कूच कर रहा है तो हरियाणा सरकार ने पंजाब हरियाणा के बॉर्डर को जंग का मैदान और जेल बना दिया है। किसान अब न रूकेगा, न झुकेगा,न ही पीछे हटेगा। किसान अपने अधिकार लिए बिना अपने घर नहीं लौटेगा। वे शुक्रवार को गांव हाबड़ी में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

गुरनाम सिंह से चढूनी ने कहा कि लोकतंत्र मे जनता ही सबसे बड़ी ताकत है। जो सता की कुर्सी पर बैठा सकती है। वह सता से बाहर का रास्ता भी दिखा सकती है। वहीं अगर यह बर्बरतार्पूण करवाई सरकार नहीं रोकती तो हरियाणा के किसान भी कड़ा फैसला लेने पर मजबूर होंगे। भाजपा सरकार की मंशा अराजकता फैलाकर प्रदेश का माहौल खराब करना है। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को दिल्ली कूच कर रहे किसानों को शंभू व खनौरी-पातड़ा बॉर्डर पर किसानों से हुए बर्बरतार्पूण व्यवहार गलत व निदंनीय है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी मांगें जायज है।

पंजाब के किसान संगठनों ने रखी राजनीति में न उतरने की शर्त

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहां कि किसानों को अपनी मांगों को लेकर एक साथ आना होगा। जब तक मांगे ना माने जाए तब तक लड़ाई लड़ी जाए। शर्तो के आधार पर आंदोलन नहीं किए जा सकते। किसानो की मांगे पूरी करवाने के लिए सड़क पर आंदोलन से लेकर संसद तक मे भागीदारी बेहद आवश्यक है। पंजाब के कुछ संगठनों ने उनके साथ राजनीति में ना उतरने की शर्त के साथ चर्चा की गई थी। जो सही नहीं थी। जब पहले किसान आंदोलन चलाया गया था। तब सभी से समय रहते चर्चा की गई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस मौके पर युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट, कार्यकारी जिलाध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल, कृष्ण कौल, कुडा राम पबनावा व रणजीत फतेहाबाद उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव

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