गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं पूरी मानव जाति का करते हैं मार्गदर्शन : देवेन्द्र बबली

गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं पूरी मानव जाति का करते हैं मार्गदर्शन : देवेन्द्र बबली
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गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं पूरी मानव जाति का करते हैं मार्गदर्शन : देवेन्द्र बबली


कैबिनेट मंत्री ने प्रकाश पर्व के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों में की शिरकत

फतेहाबाद, 27 नवम्बर (हि.स.)। प्रदेश के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र ने प्रदेश वासियों को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि गुरुओं के वचन जनकल्याण के लिए हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम गुरु के पद चिन्हों पर चलकर समाज के उत्थान के लिए मिलकर काम करें।

विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने सोमवार को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए मत्था टेका और साध-संगत के साथ बैठक कर लंगर भी ग्रहण किया। कैबिनेट मंत्री ने गुरु नानक संगत सभा गुरुद्वारा तूर नगर टोहाना, बाबा बंदा बहादुर गुरुद्वारा राम नगर टोहाना, हरि ज्ञान मंदिर गुरुद्वारा नया बाजार टोहाना, गुरु घर बुवान एवं गुरु घर गांव जमालपुर सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की।

विकास एवं पंचायत मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि धार्मिक आयोजन का होना समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, इस प्रकार के आयोजन में आपसी भाईचारा बढ़ता है और मनुष्य बुराइयों से ऊपर उठकर समाज के भले के लिए कार्य करता है। हम सबको गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। सिख समाज हमेशा से ही सामाजिक कार्यों में आगे बढ़.चढ़ कर भाग लेता आया है, खासकर प्रशासन द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों में भी सिख समाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू थे। उनका जीवन और शिक्षाएं न केवल धर्म विशेष के लिए बल्कि पूरी मानव जाति को सही दिशा दिखाती है। इसलिए उनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। गुरू नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 ईण् में हुआ था। गुरू नानक देव जी ने एक निराकार ईश्वर की उपासना का संदेश दिया था। उन्होंने तात्कालिक समाज की बुराईयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर व्यक्ति को अपनी सामथ्र्य अनुसार दान करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन

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