देश की कानूनी प्रणाली में हुआ बड़ा बदलाव, तीन मुख्य आपराधिक कानून लागू
जिला जेल परिसर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने विस्तार से दी जानकारी
रोहतक, 1 जुलाई (हि.स.)। सुनारिया स्थित जिला जेल परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तीन आपराधिक कानूनों के संबंध में एक दिवसीय विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कौशिक ने उपरोक्त तीन नये कानूनों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2024 से देश में कानूनी प्रणाली में बहुत बड़ा बदलाव लागू हो गया है। आज से तीन मुख्य आपराधिक कानून- भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1898/1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 लागू नहीं रहेंगे।
इनकी जगह पर भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 आज से लागू हो गये हैं। इन कानूनों में अत्याधुनिकतम तकनीकों को शामिल किया गया है। दस्तावेजों की परिभाषा का विस्तार कर इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकार्ड, ईमेल, सर्वर लांगस, कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, लोकेशन साक्ष्य, डिवाईस पर उपलब्ध मेल और मैसेज इत्यादि को कानूनी वैधता दी गई है।
केंद्र सरकार का कहना है कि इससे अदालतों में लगने वाले कागजों के अंबार से मुक्ति मिलेगी। इस अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण रोहतक के डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसल राजबीर कश्यप एडवोकेट, कामिनी चोपड़ा, आशुतोष शर्मा, जयकिशन व जेल के सभी वरिष्ठ अधिकारीगण, संदीप दलाल सहायक, पीएलवी साहिल व अन्य नागरिक भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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