विधानसभा में बरोदा व गन्नौर के मुद्दों पर सरकार ने दिया समाधान
-बरोदा क्षेत्र में जलभराव की समस्या
दूर करने के लिए 18 बाढ़ नियंत्रण योजनाएं स्वीकृत
-गन्नौर क्षेत्र के सात गांवों एवं
कस्बे में पेयजल समस्या दूर करने की योजना तैयार
सोनीपत, 18 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को बरोदा और
गन्नौर विधानसभा क्षेत्रों से जुड़े जनहित के सवालों पर संबंधित मंत्रियों ने विधायकों
को विस्तृत जवाब दिए। बरोदा क्षेत्र में खेतों में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान
के लिए बाढ़ एजेंडा और योजनाओं की प्रगति का ब्यौरा दिया गया, जबकि गन्नौर विधानसभा
में पेयजल संकट के समाधान के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं और उनकी समय-सीमा स्पष्ट की
गई।
बरोदा से विधायक इन्दुराज सिंह नरवाल के सवाल पर सिंचाई एवं
जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान जलभराव
की समस्या के समाधान के लिए 55वीं और 56वीं बैठक में कुल 13 गांवों के लिए 2867.13
लाख रुपये के 13 बाढ़ एजेंडा तथा 7 गांवों के लिए 120.12 लाख रुपये के 5 बाढ़ एजेंडा
तैयार कर सरकार को सौंपे गए और स्वीकृत किए गए।
मंत्री ने बताया कि उक्त अवधि में स्वीकृत सभी योजनाएं पूरी
हो चुकी हैं, केवल एक योजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र
में देरी के कारण लंबित थी, जिसके लिए अब 11 दिसंबर 2025 को एनओसी मिल चुकी है और यह
कार्य 30 जून 2026 तक पूरा होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2026-27 के लिए
519.14 लाख रुपये की लागत की 7 नई योजनाएं विचाराधीन हैं, जिनसे 9 गांवों को लाभ मिलेगा।
सभी कार्यों के पूर्ण होने के बाद रखरखाव और मरम्मत की अवधि एक वर्ष निर्धारित की गई
है।
गन्नौर विधानसभा: पेयजल
समस्या का समाधान
गन्नौर से विधायक देवेन्द्र कादियान के सवाल पर जन स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि सनपेडा, पिपली खेड़ा, रामनगर, धतूरी,
ललहेड़ी, बड़ी और गन्नौर कस्बे में पेयजल समस्या के समाधान के लिए नहर आधारित परियोजनाओं
या रैनीवेल के माध्यम से जल उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। व्यवहार्यता
सर्वेक्षण के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि गन्नौर कस्बे में अमृत 2.0 के तहत पेयजल
बढ़ोतरी योजना प्रगति पर है, जिसके 31 दिसंबर 2026 तक पूरा होने की संभावना है। अन्य
छह गांवों में प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद तीन वर्षों में कार्य पूर्ण होने की
संभावना जताई गई है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना

