झज्जर: उद्यमियों ने किसान संगठनों से की बहादुरगढ़ में आंदोलन न करने की अपील
-हजारों करोड़ का नुकसान और लाखों मजदूरों का रोजगार जाने की आशंका
-आसपास के 28 सरपंचों से लगाई किसान संगठनों से बात करने की गुहार
झज्जर, 13 फरवरी (हि.स.)। कॉनफेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज (कोबी) से जुड़े उद्यमियों ने बुधवार को फिर किसानों से आंदोलन का मुख्य केंद्र बहादुरगढ़ को न बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो हजारों लोगों का रोजगार छीन जाएगा। उद्योग धंधे ठप हो जाएंगे। उद्यमियों ने बहादुरगढ़ के निकटवर्ती 28 ग्राम सरपंचों से अपील की है कि वे आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करके बहादुरगढ़ को आंदोलन का केंद्र न बनने देने की अपील की है।
कोबी प्रधान प्रवीन गर्ग ने कहा कि रास्ते बंद होने के कारण न तो माल आ रहा है और न ही जा पा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसान आंदोलन 378 दिन तक चला। जिसका मुख्य केंद्र बहादुरगढ़ था और यहां के उद्योगों को भारी नुकसान हुआ। इन हजारों उद्योगों में लाखों कर्मचारी काम करते हैं। एक बार फिर से अगर बहादुरगढ़ में पिछली बार वाली स्थिति उत्पन्न होती है तो यहां के उद्योगों, कर्मचारियों का कारोबार और रोजगार ठप हो जाएगा।
उधर उद्यमियों ने बहादुरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र के सभी 28 सरपंचों से भी निवेदन किया कि वे भी किसान संगठनों से बात करें, ताकि हमारा व्यापार और कर्मचारियों का रोजगार बचा रहे। उद्योगों ने पहले कोविड की मार सही, उसके तुरंत बाद पिछली बार हुए किसान आंदोलन के कारण कई हजार करोड़ का नुकसान उद्योगों को झेलना पड़ा। हजारों कर्मचारियों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा।
उद्योगों के ऊपर केवल उत्पादन और ऑर्डर पूरा करने की ही जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि बैंक का लोन, बिजली का बिल, ईएसआई, पीएफ इस तरह के कई अन्य कंप्लायंस पूरे करने को उद्योग बाध्य हैं। साथ ही अपनी इकाई में कार्यरत हर एक कर्मचारी की जिम्मेदारी भी एक उद्यमी की है। इसलिए हम सभी किसान संगठनों, सरपंचों व सरकार से निवेदन करते है कि उद्योगों और कर्मचारियों का रोजगार बचाने के लिए सहयोग दें। बहादुरगढ़ में आकर उद्यमियों और उनके कर्मचारियों के रोजगार न छीनें।
हिन्दुस्थान समाचार/शील/संजीव
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