बहन से अवैध संबंधाें पर भिखारी ने की थी भिखारी की हत्या
जींद पुलिस ने सफीदाें में मिली लाश की गुत्थी सुलझाई
जींद, 27 नवंबर (हि.स.)। सफीदों खंड के गांव पाजू खुर्द के पास बोरे में मिले शव की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। बुधवार शाम को हत्या का खुलासा करते हुए जांच अधिकारी उप निरीक्षक दीपक ने बताया कि हत्या करने के मामले में पुलिस ने दो महिलाओं सहित तीन आरोपी को काबू किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश हाल आबाद खानसर चौक निवासी अर्जुन पेमल व शबनम के रूप में हुई है। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया। दोनों महिला आरोपियों को जिला जेल जींद भेज दिया है जबकि आरोपी अर्जुन का पांच दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है।
जिस दौरान आरोपी से गहनता से पूछताछ की जाएगी व हत्या करने के असल कारणों का पता लगाया जाएगा। प्रारंभिक पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ झुग्गी में रहता है। बनवारी उर्फ कल्लू उनके पास आया व उन्हीं के पास झुग्गी डाल कर रहने लगा। आरोपी अर्जुन व मृतक बनवारी उर्फ कल्लू दोनों भीख में मिले पैसों की शाम को शराब पी लेते थे। करीब छह महीने पहले अर्जुन की बहन व मृतक बनवारी वहां से भाग गए थे। कुछ दिन पहले वापस आ गए थे। 19 नवंबर को अर्जुन व कुल्लू ने शराब पी थी। जिसके बाद अर्जुन की बहन को लेकर अर्जुन व बनवारी का आपस में झगड़ा हो गया। अर्जुन ने वहां पड़ी ईंट से बनवारी ही हत्या कर दी। आरोपी अर्जुन ने लाश को खुर्द.बुर्द करने के लिए अपने परिवार के साथ मिलकर लाश को एक कपडे में बांध कर योजना अनुसार असंध रोड पर सडक के किनारे फैंक दिया था।
बतां दे कि 21 नवंबर को थाना सदर सफीदों को सूचना मिली कि सफीदों रोड पर गांव पाजू कलां के पास अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। सूचना पर उपनिरीक्षक दीपक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि एक लाश को कपड़े में चारों तरफ से सिलाई करके सड़क के किनारे डाल रखा थाए जिसकी नाक से खून बह रहा था। मौके पर मौजूद चौकीदार सत्यवान के बयान पर थाना सदर में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।
एसपी राजेश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अलग.अलग टीमों का गठन किया। जांच अधिकारी उप निरीक्षक दीपक द्वारा जांच के दौरान मृतक की जेब से एक पर्ची मिलीए जिसमें एक मोबाइल नंबर लिखा था। जिससे संपर्क करके के बाद मृतक की पहचान उत्तरप्रदेश के बनवारी लाल के रूप में हुई।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा
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