जींद: गुरुवार को शनि जयंती के साथ गज केसरी योग : सत्यनारायण शांडिल्य

जींद: गुरुवार को शनि जयंती के साथ गज केसरी योग : सत्यनारायण शांडिल्य
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जींद: गुरुवार को शनि जयंती के साथ गज केसरी योग : सत्यनारायण शांडिल्य


जींद, 5 जून (हि.स.)। जेष्ठ मास की अमावस्या के दिन छह जून को शनि जयंती मनाई जा रही है। इस दिन गज केसरी योग, शुक्रादित्य योग, बुद्धादित्य योग एवं वृषभ राशि में पांच ग्रहों में उपस्थित रहने से पंच ग्रही योग रहेगा। प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर पुजारी ज्योतिषचार्य सत्यनारायण शांडिल्य ने बुधवार को बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन चार शुभ योग में शनि जयंती पर्व होने की वजह से शनि देव की पूजा अत्यधिक शुभ फल प्रदान कराने वाली रहेगी।

उन्होंने कहा कि नवग्रहों में शनि देव को कर्म फल दाता के रूप में न्यायाधीश की पदवी प्राप्त प्राप्त हैं। शनि ग्रह शुभ और अशुभ दोनों ही फल प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि शनि के शुभ होने पर रंक भी राजा बन जाता हैं और अशुभ होने पर राजा भी भिखारी बन जाता है। चूंकि शनि ग्रह को मकर एवं कुंभ राशि का स्वामी माना जाता हैं। वर्तमान में शनि कुंभ, राशि में गोचर कर रहे है। इस वजह से मकर, कुंभ व मीन राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही हैं। वृश्चिक, कर्क राशि पर शनि की ढैया चल रही हैं। इन राशियों के जातकों को शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती पर उपाय करने चाहिए। इसके अलावा जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि ग्रह अच्छी स्थिति में नहीं हैं, तो वह शनि के दान व उपाय करके अत्यधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। साथ ही ब्राह्मणों को काले, नीले वस्त्र, जूता व छाता का दान करें। शनि मंदिर में शनि पर तेल चढ़ाने के बाद उन्हें नीले फूल अर्पित कर भोग लगाएं एवं सरसों के तेल का दीपक लगाएं। शनि स्त्रोत या शनि चालीसा का पाठ करें।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव

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