सिरसा: नेहरू पर तुष्टिकरण का आरोप ऐतिहासिक रूप से असत्य: सैलजा
सिरसा, 9 दिसंबर (हि.स.)। सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने लोकसभा में प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर लगाए गए तुष्टिकरण संबंधी आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह बयान ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत और भ्रामक है। मंगलवार को मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि ऐसे वक्तव्य राष्ट्र निर्माण में पंडित नेहरू द्वारा किए गए योगदान को कमतर दिखाने का प्रयास प्रतीत होते हैं। सांसद ने कहा कि नेहरू ने भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं, संवैधानिक ढांचे और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में अपूर्व और निर्णायक भूमिका निभाई है। सैलजा ने प्रधानमंत्री के आरोपों को तथ्यहीन बताते हुए कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिन्ना की प्रशंसा स्वयं भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा की गई। वर्ष 2005 में कराची में दिया गया वक्तव्य और 2009 की प्रकाशित पुस्तक में जिन्ना के प्रति सकारात्मक टिप्पणियां इसका प्रमाण हैं।
सांसद सैलजा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रहित, राष्ट्रीय प्रतीकों और सांस्कृतिक चेतना को सर्वोपरि रखा है। उन्होंने याद दिलाया कि 24 जनवरी 1950 को ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रीय गीत का दर्जा देने का निर्णय स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार जिस समय पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे, ने ही लिया था। कुमारी सैलजा ने कहा कि जब भाजपा के भीतर जिन्ना की प्रशंसा करने वाले नेता महत्वपूर्ण पदों पर हैं, तब कांग्रेस पर राष्ट्रभावना को लेकर आरोप लगाना राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे संसद की गरिमा का सम्मान करते हुए तथ्य-आधारित संवाद प्रस्तुत करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma

