फरीदाबाद: प्राइवेट स्कूल संचालक सर्वोच्च न्यायालय के एसओपी की करें पालना: विक्रम सिंह
डीसी बोले, स्कूल बसों में जरूरी हैं महिला अटैन्डैन्ट
फरीदाबाद, 16 अप्रैल (हि.स.)। जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि जिला के सभी प्राइवेट स्कूल संचालक सर्वोच्च न्यायालय के एसओपी की पालना सुनिश्चित करें। वे मंगलवार को लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में प्राइवेट स्कूल संचालकों, शिक्षा, आरटीए तथा ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों की बैठक में दिशा निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन द्वारा स्कूल बसों के ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्कूल बसों में महिला अटैन्डैन्ट एसओपी की गाइड लाइन की हिदायतों के अनुसार बहुत जरूरी है। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि बच्चों के स्कूल में लाने और घर छोडक़र आने तक स्कूल संचालकों की जिम्मेदारी माता पिता से भी बढक़र होती है। इसलिए इस जिम्मेदारी को सभी स्कूल संचालक गम्भीरता से फोलोअप करें। स्कूलों में बच्चों को लाने और घर छोडक़र आने के लिए इको वैन, आटो तथा बसों सहित अन्य स्कूल वाहन बेहतर तरीके से सर्वोच्च न्यायालय के नियमों की पालना पूर्णत: लागू होनी चाहिए। स्कूल में बच्चों को यातायात सम्बन्धित कोई भी परेशानी नहीं होनी चाहिए। कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि जिला फरीदाबाद में 3358 स्कूल बसें हैं। आटो और इको वैन तथा अन्य यातायात के वाहन अलग से जुड़े हुए हैं। सभी को यातायात सम्बन्धित नियमों की पालना सुनिश्चित करनी है। बता दें कि ईद की छुट्टी के दिन प्रदेश महेंद्रगढ़ के कनीना में हुए निजी बस स्कूल हादसे को देखते हुए जिला प्रशासन अब एक्शन मोड में आ गया है जिसके चलते जिलाधीश विक्रम सिंह के आदेश अनुसार शिक्षा विभाग ने राजपत्रतित अवकाश के दिन कोई स्कूल नहीं खुलने देने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि सरकारी छुट्टी के दिन कोई निजी स्कूल अगर खुला तो उसकी मान्यता रद की जाएगी। प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा विद्यार्थियों के परिवहन (बसों इत्यादि) के लिए नियमों के तहत प्रत्येक बस संचालन में जो 14 नियम है, उसकी पूरी पालना हो। बैठक में डीसीपी ट्रैफिक जसलीन कौर, आरटीए मुनेष सहगल, जिला शिक्षा अधिकारी आशा दहिया,प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी तथा स्कूल संचालक मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव
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