हिसार : पराली किसानों के लिए समस्या नहीं अपितु एक पूंजी : डॉ. नेहरा
शिकारपुर स्कूल में विद्यार्थियों को पराली प्रबंधन बारे किया
जागरूक
हिसार, 5 दिसंबर (हि.स.)। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, शिकारपुर में हरियाणा
कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र सदलपुर से आए प्रोफेसर डॉ. ओपी नेहरा, डॉ.
कुलदीप व डॉ. पंकज ने खेतों में पराली प्रबंधन को लेकर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि
पराली किसानों के लिए समस्या नहीं है अपितु एक पूंजी है। किसान पराली को खेतों में
जलाकर ना केवल प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं अपितु स्वयं को भी आर्थिक नुकसान कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शुक्रवार काे विद्यार्थियों को बताया कि किसान अब फसलों
की हाथ से कटाई करने की बजाय मशीनों कटवाते हैं जिस कारण फसल अवशेष बच जाते हैं। इन
फसल अवशेषों को किसान जला देता है, जिससे मिट्टी की उर्वरा क्षमता खत्म हो जाती है।
उन्होंने कहा कि यदि फसलों की हाथ से कटाई करवाई जाए तो अवशेष की समस्या समाप्त हो
जाएगी। उन्होंने बताया कि पराली का उपयोग न केवल चारे अपितु उसे गत्ता फैक्ट्री व एथेनॉल
बनाने में प्रयुक्त किया जा सकता है, जिससे किसानों को ही आर्थिक लाभ होगा।
डॉ. नेहरा ने मिट्टी के 12 प्रकारों के बारे में तथा विभिन्न पौधों के वर्धन
काल, बीमारियों व उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक
ने फसलों को बीमारियों से बचाव के उपाय, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने व ग्लोबल वार्मिंग
के कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव सहित कृषि संबंधित तकनीकी जानकारी दी। उन्होंने किसानों
के लिए आयोजित किए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने
युवाओं से कृषि को रोजगार के रूप में अपनाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के अंत में सविता कुमारी ने कृषि विज्ञान केंद्र सदलपुर से आए कृषि
वैज्ञानिकों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी
ना केवल विद्यार्थियों अपितु उनके परिवारजनों जो कृषि से जुड़े हैं उनके लिए भी महत्वपूर्ण
साबित होगी। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर सुनीता रानी,
पूनम, रेणु, उषा देवी, सविता बिश्नोई, सुमन देवी, राजेश तक्षक, बुधराम व मनजीत कुमारी
आदि स्टाफ सदस्य तथा 9 वीं से लेकर 12वीं कक्षा के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

