हिसार: किशोरावस्था ही भटकाव व जीवन निर्माण की उम्र: अनिल मलिक
विशेषज्ञों के अनुसार महामारी के अनुपात में पहुंचा बाल यौन शोषण
हिसार, 14 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से गुरुवार को नारनोंद उपमंडल के गांव बास स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 163वें बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्र के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें माता-पिता, अभिभावकों, शिक्षकों और छात्राओं के लिए मनोवैज्ञानिक चिंता व दवाब का निदान : वातावरण उम्र किशोरों की ज़रूरतों को समझना विचारों का आदान प्रदान हर समस्या का समाधान विषय पर जानकारी दी गई।
सेमिनार में मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि किशोरावस्था कुछ हद तक भटकाव की उम्र है और सही से समझें तो यही जीवन निर्माण की उम्र भी है। छोटे से बच्चे के मानसिक दबाव व चिंता के मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझने के साथ ही किशोरों की विभिन्न चिंता व मानसिक दवाब तनाव को समझने की ज़रूरत है। इसके लिए किशोरों की भावनाएं, हम समूह का वातावरण, रुचियां, आदतें, व्यवहार, विचार, चुप्पी, व्याकुलता, बेचैनी व अकेलापन इत्यादि जिम्मेवार माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे के आसपास का परिवेश असरकारक होता है, इनकी उम्र परिवर्तन व विकास के मद्देनज़र वास्तविक ज़रूरतों को समझना होगा और यह तभी संभव होगा जब दूरियां पैदा न होने देंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रिंसिपल सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि लोगों और बच्चों का उत्साह और मनोवैज्ञानिक परिणाम की शक्ति और ज़रूरत को बताता है। आशा करते हैं कि बच्चों को निरंतर विभिन्न मुद्दों पर जागरूक किया जाएगा। उनके मानसिक स्वास्थ्य के मद्देनज़र यह परियोजना लाभकारी होगी। कार्यक्रम में बास खंड शिक्षा अधिकारी शर्मिला सिवॉच, अनिरुद्ध, बाल भवन हांसी सुपरवाइज़र धर्मबीर, आजीवन सदस्य व परामर्शदाता नीरज कुमार, राजनीति शास्त्र प्रवक्ता जसवीर इत्यादि के साथ बहुत संख्या में अभिभावक व शिक्षक मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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