फतेहाबाद: देवउठनी एकादशी पर शादियों पर रहेगी प्रशासन की नजर
बाल विवाह की रोकथाम के लिए मांगा सहयोग
फतेहाबाद, 20 नवंबर (हि.स.)। इस वर्ष 23 नवंबर को देवउठयानी एकादशी का शुभ मुहुर्त है। सामाजिक प्रथा अनुसार इस अवसर पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में विवाह/शादियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें बाल विवाह का आयोजन करने की भी संभावना ज्यादातर बनी रहती है। ऐसे में बाल विवाह को रोकने को लेकर इस दिन होने वाली शादियों पर जिला प्रशासन की नजर रहेगी।
उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार लडक़ी की शादी 18 वर्ष व लडक़े की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है, तो यह कानूनन अपराध है। एक्ट के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाती है, जिसके तहत 2 साल की जेल व एक लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावाधान हैै। उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार बाल विवाह करना कानून अपराध है।
उन्होंने देवउठयानी एकादशी 23 नवंबर पर आयोजित होने वाले विवाह समारोहों के दौरान बाल विवाह की रोकथाम के लिए विवाह करवाने वाले पुजारी/पाठी, गांव के पंच-सरपंच व नंबरदार तथा शहरों में नगर पार्षद इत्यादि से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में किसी बाल विवाह का आयोजन न होने दें। इसके अलावा सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंक्वेंट हाल, मैरिज पैलेस इत्यादि के मालिक अथवा प्रभारियों से भी अपील है कि वे अपने यहां आयोजित होने वाले विवाह समारोह के संबंध में पहले से दुल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें व आयु प्रमाण पत्रों की एक प्रति अपने पास भी रख लेंवें तथा अपने यहां बाल विवाह का आयोजन न होने दें।
इस मौके पर सरंक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रेखा अग्रवाल ने लोगों से यह भी अपील की कि वे कोई झूठी शिकायत करके जनता व प्रशासन को परेशान ना करें। अगर कोई झूठी शिकायत करता है तो प्रशासन द्वारा ऐसी व्यक्तियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन
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