हिसार में 2000 से अधिक बुजुर्गों का सम्मान

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हिसार में 2000 से अधिक बुजुर्गों का सम्मान


हिसार, 22 दिसंबर (हि.स.)। भारत सरकार एवं ब्रह्माकुमारीज के मध्य हुए समझौते

के तहत संगम ‘गौरवपूर्ण वृद्धावस्था एवं सम्मानित जीवन’ अभियान के तहत बालसमंद

रोड स्थित पीस पैलेस में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य पीढिय़ों

के बीच आए अंतर को मिटाने के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों को सम्मान, सुरक्षा और आत्मगौरव

का अनुभव कराना रहा। यह अभियान वर्तमान में पूरे भारतवर्ष में संचालित हो रहा है।

इस अवसर पर 2000 से अधिक बुजुर्गों का विशेष सम्मान किया गया। सम्मान स्वरूप

उन्हें पटका, मफलर एवं आध्यात्मिक साहित्य भेंट किया गया। यह आयोजन समाज में बुजुर्गों

के प्रति कृतज्ञता, सम्मान और संवेदनशीलता का सशक्त उदाहरण बना। यह कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज

हिसार की प्रारंभिक सेवाओं के प्रमुख स्तंभ रहे स्व. बीके डॉ. राम प्रकाश भाई की पुण्य

स्मृति में समर्पित रहा। सभी उपस्थितजनों ने उनके जीवन से प्रेरणा लेने तथा उनके आदर्शों

को आत्मसात करने का संकल्प किया।

कार्यक्रम में बीके बीरेंद्र ने बताया

कि आज की पीढिय़ों के बीच बढ़ते अंतर के कारण बुजुर्गों में बढ़ रहे अकेलेपन को दूर

करने के उद्देश्य से यह अभियान प्रारंभ किया गया है, जो देशभर में निरंतर चल रहा है।

मुख्य अतिथि श्री कृष्ण प्रणामी आश्रम कैमरी के संस्थापक स्वामी राजदास महाराज ने अपने

वक्तव्य में कहा कि आज की पीढ़ी को स्वयं अपने माता-पिता का सम्मान कर आने वाली पीढ़ी

को संस्कार देने होंगे। परिवार में जैसा आचरण होता है, बच्चे वही सीखते हैं।

विशिष्ट अतिथि मेयर प्रवीण पोपली ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था शांतिपूर्ण

एवं उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए समाज को प्रेरित कर रही है। सात्विक जीवन-मार्ग

के माध्यम से देश उन्नति कर रहा है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों

में की जा रही सेवाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन बीके रमेश कुमारी (इंचार्ज, ब्रह्माकुमारीज

हिसार सब-जोन) ने किया।

नलवा विधायक रणधीर पनिहार ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था नए-नए अभियानों

के माध्यम से समाज से बुराइयों को दूर कर भाईचारे को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा

कि पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण हमारी परंपरा नहीं है; आज की पीढ़ी को भारतीय मूल

संस्कृति को समझते हुए बुजुर्गों को सम्मान देना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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