फतेहाबाद: 100 साल के जिंदा स्वतंत्रता सेनानी को दिखाया मृत, स्मारक पर लिखा स्वर्गीय
स्वतंत्रता सेनानी के बेटे ने बताया पिता का अपमान, स्मारक से हटाया गया स्वर्गीय शब्द
फतेहाबाद, 7 नवम्बर (हि.स.)। फतेहाबाद में एक जिंदा स्वतंत्रता सेनानी को अधिकारियों के लापरवाही के चलते मृत दिखा गया गया। गांव हिजरावां कलां में स्वतंत्रता दिवस पर लिखे स्मारक पर गांव के एकमात्र जिंदा स्वतंत्रता सेनानी नादर सिंह के आगे स्वर्गीय लिख गया गया। इससे न केवल स्वतंत्रता सेनानी और परिवार के लोगों में रोष है वहीं ग्रामीणों ने भी इस पर हैरानी जताई है।
मिली जानकारी के अनुसार गांव हिजरावां कलां निवासी 100 वर्षीय नादर सिंह अब भी पूरी तरह स्वस्थ हैं। स्वतंत्रता दिवस पर गांव के प्रशासन द्वारा एक स्मारक स्थापित किया गया था। इस स्मारक पर गांव के नादर सिंह के नाम के आगे स्वर्गीय लिख दिया गया है। जैसे ही नादर सिंह व उसके परिजनों को इसका पता चला तो उनमें रोष फैल गया। इसके बाद नादर सिंह स्वयं चलकर स्मारक तक गए और स्वयं के जिंदा होने का सबूत दिया। नादर सिंह के बेटे पूर्व मैम्बर जंगीर सिंह का कहना है कि उनके पिता के नाम के आगे स्वर्गीय लिख देने से उन्हें अब पेंशन व अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा। इस गलती को सुधारने के लिए वे वे जगह-जगह पत्र भेजते फिर रहे हैं। उन्होंने सैनिक बोर्ड को भी अपने पिता के जिंदा होने के बारे में सूचित किया है। जिला प्रशासन को भी बता दिया है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत को भी कई बार इस बारे बताया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब तो लोग स्मारक पर लगे स्वर्गीय शब्द को पढक़र उनके घर शोक जताने आ जाते हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उनके पिता का अपमान किया गया है। जब इस बारे में गांव के सरपंच प्रतिनिधि करण सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में यह स्मारक पंचायत द्वारा नहीं, बल्कि प्रशासनिक स्कीम के तहत लगवाया गया था। उनसे स्वतंत्रता सेनानी बारे पूछा गया तो उन्होंने नाम बता दिया था, लेकिन जब बोर्ड बनकर आया तो वहां स्वर्गीय लिखा आया। जो बाद में नादर सिंह के परिवार द्वारा ध्यान दिलाया गया तो स्वर्गीय शब्द को हटवा दिया गया है।
स्वतंत्रता सेनानी 100 वर्षीय नादर सिंह अब स्वयं को जिंदा साबित करने के लिए अपने बेटे के साथ अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। नादर सिंह के परिजनों ने इसे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान बताया और कहा कि प्रशासन की इस गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। यहां तक कि लोग उनके घर शोक जताने आने लगे।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/संजीव
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