गुरुग्राम में हरियाली बढ़ाने के लिए की जा रही पेड़ों की गणना

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गुरुग्राम में हरियाली बढ़ाने के लिए की जा रही पेड़ों की गणना


-आंकलन के आधार पर अच्छी हरियाली के लिए किया जाएगा पौधारोपण व रखरखाव

-डीसी बोले, पेड़ों की गणना में वन विभाग के कर्मचारियों का सहयोग करें जिलावासी

गुरुग्राम, 24 नवम्बर (हि.स.)। जिलाभर में हरियाली को बढ़ावा देने और पेड़ों की वास्तविक संख्या के लिए वन विभाग द्वारा पेड़ों की गणना का कार्य शुरू हो गया है। आमजन पेड़ों की गिनती करते समय वन कर्मियों का सहयोग करें, ताकि पेड़ों की गणना का कार्य आसानी से पूरा किया जा सके।

प्रदेश सरकार द्वारा जिला गुरुग्राम सहित पूरे प्रदेशभर में कुल कितने पेड़ उन सभी की गणना करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत पंचायत भूमि, निजी भूमि, वन भूमि, सभी सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों की भूमि पर खड़े हर प्रकार के पेड़ों की गणना की जा रही है। गुरुग्राम जिले में इन पेड़ों की गणना का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस गणना का मुख्य उद्देश्य जिले में किस गांव या शहर में कितना क्षेत्र हरा भरा है उसकी एक जानकारी संकलित की जाएगी, जिससे आने वाले समय में उसी जानकारी के आधार पर जिन क्षेत्रों में पौधरोपण करने की ज्यादा आवश्यकता है। जिन क्षेत्रों में पहले से ही काफी अच्छी हरियाली है। इस आंकलन के आधार पर आगामी सीजन में पौधरोपण तथा उनके रखरखाव के बारे में विभाग कार्यवाही कर सके ।

उपायुक्त निशांत कुमार यादव के मुताबिक वृक्ष गणना का कार्य पूरे जिले के हर प्रकार की मलकियत पर स्थित पेड़ों का किया जा रहा है। ऐसे में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा आमजन से जरूरी बिंदुओं पर जानकारियां मांगी जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोगों द्वारा ऐसा संकोच जाहिर किया जा रहा है कि वन विभाग जिन पेड़ों की गणना करेगा, बाद में उन पेड़ों पर अपना अधिकार या आधिपत्य दिखाएगा। पेड़ जिसकी मलकियत में है, उसी व्यक्ति या संस्थान की ही वे मलकियत रहेंगे।

मंडल वन अधिकारी राजीव तेजयान ने कहा कि वृक्ष गणना कार्य से सरकार और प्रशासन का एक ही उद्देश्य है कि किस गांव में कितने पेड़ हमारे गांव की मलकियत में स्थित पंचायत भूमि में हैं। कितने पेड़ निजी भूमि पर हैं, इसका आंकलन होने के बाद उस गांव का हरियाली के मध्य नजर एक पौधरोपण कार्यक्रम भविष्य में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अज्ञानता और स्वार्थ के चलते पेड़ों की कटाई कर देते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है। पर्यावरण का संरक्षण करना प्रत्येक मनुष्य की नैतिक जिम्मेदारी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव

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