सोनीपत: सात दिवसीय सतकुंभा उत्सव के पहले दिन 621 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली
-सतकुंभा तीर्थ पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के ज्ञान के गंगा बह रही है: विधायक निर्मल चाैधरी
-उत्तराखंड से आए आचार्यों ने मंत्रों उच्चारण के साथ शिव स्तोत्र यज्ञ आरंंभ किया
सोनीपत, 2 मार्च (हि.स.)। सिद्धपीठ सतकुंभा धाम तीर्थ के पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरूप जी महाराज के परम सांनिध्य में शनिवार को सात दिवसीय सतकुंभा उत्सव कलश यात्रा एवं शिव स्तोत्र महायज्ञ प्रारंभ हुआ। हरियाणा के अलावा, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ, उत्तर प्रदेश आदि से भारी संख्या में प्रभु भक्त शामिल हुए।
सतकुंभा उत्सव के पहले दिन खंड़ी गुज्जर, अहीर माजरा, बििलंदपुर हजारों भक्तों ने सतकुंभा तीर्थ की कृपा के पात्र बने। 621 मातृ शक्तियों ने कलश यात्रा में शिरकत की कलश पूजन के लिए गन्नौर क्षेत्र की विधायक निर्मल चौधरी ने कलश पूजन कराया। श्री महंत राजेश स्वरुप जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए विधायक ने जनमानस के लिए अपने संदेश में कहा यह परमधाम सप्तऋषियों की तप स्थली है, इस क्षेत्र का परम सौभाग्य है कि 68 तीर्थ में शामिल सतकुंभा धाम पर श्रीराम कथा एवं शिव स्तोत्र महायज्ञ करवाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को अयोध्या में करवाई गई है। भारत वर्ष में रामचरित्र मानस के कोटि कोटि अनुष्ठान हो रहे हैं। सिद्धपीठ सतकुंभा धाम युगों युगों से धर्म ज्ञान की गंगा बह रही है। भाजपा के जिला महामंत्री निशान्त छौक्कर ने कहा कि सतकुंभा तीर्थ की पावन धरती पर अलौकिक आनन्द की अनुभूति हो रही है। हमारी सप्तऋषि जिन्होेनें जीवन जीने की कला सिखाई।
वृंदावन से वह पूरी अपनी टीम के साथ में पहुंचे व्यास गद्दी पर विराजमान कथावाचक पवन देव चतुर्वेदी जी राम कथा में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की शिक्षाओं का संदेश दें रहे हैं। नगर शोभा यात्रा में गांव खेङी गुज्जर एवं तीर्थ की परिक्रमा में 621 मातृ शक्तियों ने श्री कलश उठाकर मंगल श्रीराम की धुन पर नृत्य कर मंगलमय कर दिया। यज्ञ आचार्य आनंद भट्ट, ब्रह्मा जी रामचंद्र जोशी, सतवीर शास्त्री, शिवम शास्त्री, राजीव शास्त्री, जसप्रीत शास्त्री, सचिन शास्त्री, पीठाधीश्वर श्रीमहन्त राजेश स्वरुप जी महाराज ने यज्ञशाला में मंत्रों का उच्चारण शिव स्तोत्र यज्ञ आरंभ करवाया। खेड़ी गुर्जर निवासी जुगती उर्फ लिखू के बलकेश, बलकार, बलवान तीनों पुत्रों ने सतकुम्भा उत्सव के पहले दिन अनंत भंडारे की सेवा प्रदान कर पुण्य कमाया।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव
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