गुरुग्राम: निगमायुक्त ने समाधान हब व इको रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट का किया निरीक्षण

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गुरुग्राम: निगमायुक्त ने समाधान हब व इको रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट का किया निरीक्षण


-अधिकारियों को सफाई व्यवस्था बेहतर बनाए रखने समेत कई दिशा-निर्देश

गुरुग्राम, 26 दिसंबर (हि.स.)। नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने शुक्रवार को नगर निगम और जीएमडीए अधिकारियों के साथ खुशबु चौक, फरीदाबाद रोड, महरौली रोड, ग्लेरिया मार्केट रोड सहित आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और अतिक्रमण की स्थिति का जायजा लिया। इस अवसर पर उनके साथ अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका, चीफ इंजीनियर विजय ढाका तथा आईएम गुडग़ांव संस्था से लतिका ठुकराल भी उपस्थित रहीं।

निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त ने खुशबु चौक पर आईएम गुडग़ांव द्वारा विकसित समाधान हब का अवलोकन किया। साथ ही, बनाए जा रहे नए इको रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट की प्रगति की भी समीक्षा की। आईएम गुडग़ांव की प्रतिनिधि लतिका ठुकराल ने बताया कि शहर में बढ़ते कचरे की गंभीर समस्या से निपटने के लिए स्थापित वेस्ट रीसाइक्लिंग यूनिट्स (समाधान हब) पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रभावी और टिकाऊ मॉडल बनकर उभरी हैं। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में गुरुग्राम में खुशबू चौक, बादशाहपुर, सिकंदरपुर मंदिर और क्रीक क्षेत्र में कुल चार वेस्ट रीसाइक्लिंग यूनिट्स सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। इन यूनिट्स का मुख्य उद्देश्य सूखे कचरे को रीसाइक्लिंग के माध्यम से लैंडफिल में जाने से रोकना है।

20-30 प्रतिशत तक कचरा कम करने का लक्ष्य

इस पहल का प्रमुख उद्देश्य शहर में उत्पन्न होने वाले कुल कचरे को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करना, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना, पर्यावरण पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव को घटाना तथा कचरा प्रबंधन से जुड़े श्रमिकों और आम नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अब तक 10,000 से अधिक घरों ने सूखा कचरा अलग करने की आदत अपनाई है। बीते तीन वर्षों में इन यूनिट्स के माध्यम से 1,16,889 किलोग्राम सूखा कचरा लैंडफिल में जाने से रोका जा चुका है। इसके अलावा जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान 27 देशों के प्रतिनिधियों ने समाधान हब का दौरा कर इसे एक सफल केस स्टडी के रूप में सराहा है।

समाधान हब पर एकत्र किए गए कचरे को विभिन्न एनजीओ और अधिकृत एजेंसियों को सौंपा जाता है। ई-वेस्ट का निपटान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अधिकृत एजेंसियों द्वारा पर्यावरण के अनुकूल तरीके से किया जाता है। कागज से होने वाली आय को वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए दान किया जाता है, जबकि कपड़े, खिलौने और अन्य उपयोगी वस्तुएं जरूरतमंदों तक पहुंचाई जाती हैं। इसके साथ ही, समुदाय को जागरूक करने के लिए नियमित रूप से क्लीन-अप ड्राइव, कार्यशालाएं तथा स्कूलों और आरडब्ल्यूए के साथ सूखा कचरा पृथक्करण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने सिकंदरपुर फर्नीचर मार्केट की जमीन की जांच करने के भी निर्देश दिए कि उक्त भूमि सरकारी है अथवा किसी की निजी मिल्कियत। निगमायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शहर की मुख्य सडक़ों पर धूल-मिट्टी, सीएंडडी वेस्ट, कचरा, प्लास्टिक वेस्ट और बागवानी वेस्ट किसी भी स्थिति में दिखाई नहीं देना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

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