सड़कें होंगी सुंदर एवं बार-बार खुदाई पर रोक, एजेंसियों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश

WhatsApp Channel Join Now


सड़कें होंगी सुंदर एवं बार-बार खुदाई पर रोक, एजेंसियों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश


नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली के केदारनाथ साहनी ऑडिटोरियम में 'स्टैंडर्ड फ्रेमवर्क फॉर रोड रिडेवलपमेंट' पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में सड़क निर्माण, सौंदर्यीकरण, ग्रीन कवर, ड्रेनेज, यूटिलिटी मैनेजमेंट और मेंटेनेंस के लिए एक एकीकृत और मानकीकृत ढांचा तय करना था, ताकि सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित हो सके।

इस बैठक में पीडब्लूडी, एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सीएक्यूएम , सीएसआईआर, स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर तथा राहगीरी फाउंडेशन के विशेषज्ञों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। विशेषज्ञों ने राजधानी की अवसंरचना, यातायात प्रबंधन, शहरी डिजाइन और सार्वजनिक सुविधाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविन्द्र इन्द्राज सिंह, डॉ पंकज कुमार सिंह, दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और विभागों को स्पष्ट किया कि हमारी सरकार दोषारोपण में नहीं, बल्कि कार्रवाई और परिणामों पर ध्यान केंद्रित करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास कार्यों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया है और किसी भी काम में धन की कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने दिल्ली के सौंदर्यीकरण के लिए सभी विभागों को अपने एस्टीमेट और योजनाएं प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों, प्रतिनिधियों और इंजीनियरों से हर कार्य को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सुधारों और निरंतर निगरानी के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि नालों, जल निकासी, सड़कों और फुटपाथों की समस्या केवल तभी हल होगी जब अधिकारी स्वयं अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। उन्होंने मिंटो ब्रिज और आरके पुरम अंडरपास से सम्बंधित समस्याओं का उदाहरण देते हुए बताया कि सभी विभागों के समन्वय से ही इनका तुरंत समाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर इंजीनियरों और अधिकारियों की सक्रियता और जवाबदेही जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कचरा प्रबंधन, ओपन बर्निंग रोकने, नए बायोगैस और ग्रीन वेस्ट प्लांट लगाने, वेट वेस्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई बिल्डिंगों को जीरो वेस्ट, ग्रीन और सेल्फ-सस्टेनेबल बनाया जाए, और वाटर हार्वेस्टिंग, मिस्ट और एंटी-स्मोग गन जैसी सुविधाएं लागू हों। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से हर कार्य में पूर्ण निष्ठा, समर्पण और सामूहिक प्रयास की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण, अवसंरचना सुधार और सड़क सुरक्षा के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। हर चुनौती का समाधान संभव है, और इसे निष्ठापूर्वक लागू करना सभी की साझी जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले नौ महीनों में कई प्रशासनिक सुधार किए हैं, इसके साथ साथ अधिकारियों और इंजीनियरों की सक्रियता और जिम्मेदारी भी उतनी ही अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कई बार विभागीय अधिकारियों के बीच जिम्मेदारी तय करने में देरी होती है और तीसरी एजेंसियों के हस्तक्षेप से समय भी बर्बाद होता है। उन्होंने अधिकारियों को प्रेरित किया कि वे व्यक्तिगत और विभागीय हितों से ऊपर उठकर दिल्ली को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करें।

कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण सड़कों पर जमी धूल है और इसे नियंत्रित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का स्पष्ट विज़न है कि दिल्ली की एयर क्वालिटी में धूल की हिस्सेदारी, जो सर्दियों में 30 प्रतिशत तक पहुंचती है को चरणबद्ध तरीके से कम किया जाए। दिल्ली सरकार के विंटर एक्शन प्लान के तहत बड़े पैमाने पर रोड डस्ट को सड़कों से हटाया भी जा रहा है।

महत्वपूर्ण निर्देश : सभी विभाग और एजेंसियां तालमेल एवं यूटिलिटी मैनेजमेंट के लिए एक समान, व्यावहारिक और जिम्मेदार स्टैंडर्ड फ्रेमवर्क पर सहमति बनाएंगी। सड़क को बार-बार खोदने की समस्या रोकने के लिए सभी एजेंसियों को आपसी समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए गए। किसी भी सड़क के निर्माण से पहले बिजली, टेलीकॉम, गैस और पानी की लाइनों की विस्तृत मैपिंग अनिवार्य होगी और जहां संभव हो, कॉमन यूटिलिटी डक्ट का उपयोग किया जाएगा। सड़क बनने के बाद खुदाई केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही की जा सकेगी।

निर्माण और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सड़क का निर्माण वॉल टू वॉल होना चाहिए। सड़क, फुटपाथ और पूरे रोडसाइड क्षेत्र को पक्का और मजबूत बनाया जाना चाहिए। सड़क पर गड्ढों की शिकायत मिलने पर 24 से 48 घंटे के भीतर उन्हें ठीक करने के लिए एक सशक्त रिस्पॉन्स सिस्टम विकसित करने का भी निर्देश दिया गया।

सफाई और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर नियमित और समय पर सफाई सुनिश्चित की जाए—जहाँ संभव हो मशीनों का उपयोग किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर मैनुअल सफाई भी की जाए। सड़क पर जमा धूल, कचरा और मलबा को प्रतिदिन हटाया जाए। रोड कटिंग से पहले उचित बैरिकेडिंग अनिवार्य होगी ताकि आसपास धूल न फैले। सड़क निर्माण, मरम्मत, सफाई , हर प्रक्रिया में धूल-नियंत्रण उपाय जैसे पानी का छिड़काव, बैरिकेडिंग और मलबे को ढककर रखना, कड़े रूप से लागू किए जाएंगे। नियमों का उल्लंघन करने वालो पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पैदल यात्रियों की सुविधा और सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिया गया कि फुटपाथ चौड़े, साफ और अवरोध-रहित हों। सभी क्रॉसिंग स्पष्ट निशान के साथ हों और सड़कों पर पर्याप्त लाइटिंग लगाई जाए। सेंट्रल वर्ज और डिवाइडर्स का नियमित रखरखाव किया जाएगा, जिसमें पौधों, झाड़ियों, घास और सजावटी तत्वों की देखभाल शामिल होगी। प्रत्येक री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में हरियाली, सुव्यवस्थित स्ट्रीट फर्नीचर और स्वच्छ सार्वजनिक स्थानों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

Share this story