दीक्षांत समारोह में शामिल हुई शिक्षा मंत्री
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। उच्च शिक्षा मंत्री आतिशी शुक्रवार को दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के छठें दीक्षांत समारोह में शामिल हुई तथा ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को डिग्री देकर सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में दिल्ली के एलजी वी.के सक्सेना व आईसीएमआर के पूर्व डायरेक्टर-जनरल निर्मल के.गांगुली सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि 2015 में जब दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की सरकार बनी तो सबसे पहले इस फार्मास्यूटिकल इंस्टिट्यूट को हमने देश की पहली फार्मास्यूटिकल यूनिवर्सिटी के रूप में बदला और आज हम इसका छठा दीक्षांत समारोह मना रहे है, ये हमारे लिए गर्व की बात है।
उच्च शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि शिक्षा हमेशा दिल्ली सरकार की पहली प्राथमिकता रही है, शायद ही देश में कोई दूसरी ऐसी सरकार होगी जो पिछले 8 सालों से अपने बजट का लगभग 25 प्रतिशत शिक्षा को दे रही है और उसी का नतीजा है कि चाहे आज दिल्ली सरकार के स्कूल हो या दिल्ली सरकार के यूनिवर्सिटी, उनका नाम न सिर्फ दिल्ली में, देश में बल्कि पूरी दुनिया में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि, शिक्षा खर्च नहीं है ये देश के बेहतर भविष्य के लिए एक निवेश है। हम आज शिक्षा के क्षेत्र में निवेश कर अपने युवाओं को सशक्त बनाते है, उन्हें शानदार एक्सपोज़र प्रदान करते है तो मुझे इस बात का भरोसा है कि इस देश की सारी समस्याओं का समाधान देश के युवा जरुर कर सकते है। यही कारण है कि केजरीवाल सरकार हमेशा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए अपने स्कूलों में, कॉलेजों में निवेश करती है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी से आज 605 स्टूडेंट्स ग्रेजुएट कर रहे है, और मुझे यकीन है कि आने वाले समय में हमारे ये स्टूडेंट्स हेल्थ व फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में बहुत शानदार काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि डीपीएसआरयू एक ऐसी यूनिवर्सिटी है जो सिर्फ अपने कैंपस तक सीमित नहीं रही है। डीपीएसआरयू की एक पहल ‘दिल्ली की योगशाला’ ने योग को दिल्ली के घर-घर तक पहुंचाने का काम किया| शायद ही कोई ऐसी यूनिवर्सिटी होगी जिसने इतना बड़ा आउटरीच प्रोग्राम किया, जिसे न केवल दिल्ली से बल्कि पूरे देश से प्रसंशा मिली और अब डीपीएसआरयू को देखकर कई और राज्यों ने भी इस प्रकार से योगशाला के कार्यक्रम की शुरुआत की है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि, न केवल योग बल्कि इंडियन मेडिकल सिस्टम चाहे वो आयुर्वेद हो, यूनानी हो, योग हो डीपीएसआरयू इनको आगे ले जाने का काम भी करेगी। उन्होंने कहा कि, भारत सदियों से मेडिसिन के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर के रूप में रहा है, जब दुनिया में किसी ने मेडिसिन और सर्जरी का नाम नहीं सुना था तब चरक जैसे सर्जन भारत में पैदा हुए और मेडिसिन और सर्जरी को नए आयाम दिए। वहीं इस साल यूनिवर्सिटी द्वारा 605 डिग्रियां सौंपी गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/अनूप
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