यमुना की सफाई के मुद्दे पर एलजी ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
नई दिल्ली, 20 नवंबर (हि.स.)। यमुना की सफाई के मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है एक के बाद एक वादे किये जाते हैं लेकिन हर छठ के दौरान यमुना के हालात अधिक खराब होते जा रहे हैं। ऊपर से कोई प्रयास किया जाता है तो उसपर भी दिल्ली सरकार अड़ंगा लगाती है।
एक्स पर दिल्ली सरकार को विफलता के लिए दोषी ठहराते हुए उन्होंने कहा कि हर छठ पर अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है। बाढ़ और जलाशयों में पानी कमी पर दोषारोपण किया जाता है। सभी को दोषी ठहराया जाता है लेकिन वर्षों की निष्क्रियता के लिए कोई भी दोष नहीं लेता। ऊंचे-ऊंचे लगने वाले वादों का एक पुलिंदा तैयार किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी ओर राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण के निर्देशों के तहत कुछ काम शुरू होने पर स्थिति में सुधार आता है। बाढ़ के मैदानों की सफाई, उन्नत सीवेज उपचार, नए एसटीपी के लिए भूमि और पानी की गुणवत्ता में मामूली सुधार होने लगता है। ऐसे में दिल्ली सरकार एनजीटी के आदेश बदलाव कराने के लिए जानबूझकर सुप्रीम को पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि हर साल एक के बाद एक वादे किए जाते हैं। हालांकि झाग, सीवर, अपशिष्ट अनियंत्रित मात्रा में यमुना में मौजूद रहते हैं।
एलजी ने कहा, “दीनानाथ भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ छठ महपर्व आज संपन्न हुआ। छठी मईया विदा हुईं यमुना मईया एक बार फिर कलुषित-प्रदूषित ही छूट गयीं। व्रती-श्रद्धालु एक बार फिर गाद-मलबे और सड़ांघ मे पूजा अर्चना के लिये मजबूर हुये। नदी में जा कर अर्घ्य अर्पण वर्जित हो गया पर यमुना साफ नहीं हुई।”
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/प्रभात
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