विवेक विहार के जिस शिशु अस्पताल में आग लगने से बच्चों की जान गई, उसे दिल्ली सरकार का था सरंक्षण: वीरेन्द्र सचदेवा

विवेक विहार के जिस शिशु अस्पताल में आग लगने से बच्चों की जान गई, उसे दिल्ली सरकार का था सरंक्षण: वीरेन्द्र सचदेवा
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विवेक विहार के जिस शिशु अस्पताल में आग लगने से बच्चों की जान गई, उसे दिल्ली सरकार का था सरंक्षण: वीरेन्द्र सचदेवा


विवेक विहार के जिस शिशु अस्पताल में आग लगने से बच्चों की जान गई, उसे दिल्ली सरकार का था सरंक्षण: वीरेन्द्र सचदेवा


नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि विवेक विहार स्थित जिस शिशु अस्पताल में शनिवार की रात आग लगने से बच्चों की मौत हुई, उसे दिल्ली सरकार का संरक्षण प्राप्त था। नतीजतन, यह अस्पताल अनधिकृत रूप से चल रहा था।

इस अस्पताल को आगे बढ़ाने में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी एवं 2021 में मेडिकल सुपरिटेंडेंट (नर्सिंग होम्स) रहे डॉ आरएन दास की भूमिका बेहद संदिग्ध है। वर्ष 2021 में स्वास्थ विभाग ने एक इंस्पेक्शन में इस शिशु अस्पताल को केवल पांच बच्चों की देखभाल योग्य पाया था परन्तु तब डा. आरएन दास ने अस्पताल मालिक के आवेदन के आधार पर बिना जांच 10 बच्चों के इलाज की क्षमता स्वीकृत करने का प्रयास किया था और फीस जमा भी करवा दी थी।

सोमवार को मीडिया से बातचीत में वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि इसके बावजूद आग के समय अस्पताल में 12 बच्चे भर्ती थे, जो साफ बताता है कि कैसे नियमों को ताक रख कर अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। अस्पताल लगातार अनधिकृत रूप से चल रहा था और इसे दिल्ली सरकार का संरक्षण प्राप्त था, इसलिए कभी स्थानीय आरडब्ल्यूए की शिकायतों पर भी सुनवाई नहीं हुई।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि डा. आरएन दास 2021 के तत्कालीन स्वास्थ मंत्री सत्येन्द्र जैन से लेकर वर्तमान स्वास्थ मंत्री सौरभ भारद्वाज के बेहद नजदीकी रहे हैं। इस अस्पताल के मामले में सत्येन्द्र जैन एवं सौरभ भारद्वाज की भूमिका भी संदिग्ध है और इन दोनों की भी अवैध रूप से अस्पताल चलाने में भूमिका की जांच आवश्यक है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि यह आवश्यक है कि अस्पताल मालिक के साथ ही डा. आरएन दास पर भी मिलीभगत एवं लापरवाही का मामला दर्ज हो और उनकी भी जांच एवं गिरफ्तारी हो। इस सारे मामले में अग्नि शमन विभाग की जांच भी आवश्यक है, क्योंकि गत कुछ वर्षों में अनेक बड़ी आग की दुर्घटनाएं हुई हैं। इसके बावजूद हर बार दिल्ली में सैकड़ों अवैध फैक्टरियों और गोदामों आदि के मामले आये हैं। दिल्ली में लगातार 2016 से अतुल गर्ग अग्नि शमन विभाग के प्रमुख बने बैठे हैं। उल्लेखनीय है कि रविवार को हुए अग्नि कांड में सात नवजात बच्चों की मौत हो गई।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल

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