जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और निर्माणकारी काल विद्यालयी वर्ष : विजेंद्र गुप्ता
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और निर्माणकारी काल हमारे विद्यालयी वर्ष होते हैं। जब हम वर्षों बाद अपने विद्यालय लौटते हैं, तो हम किसी पद या पहचान के साथ नहीं, बल्कि एक विद्यार्थी के रूप में लौटते हैं, जिसे इन गलियारों, कक्षाओं और स्मृतियों ने गढ़ा है।
अध्यक्ष आज शक्ति नगर स्कूल नंबर 1, दिल्ली में आयोजित एलुमनाई एवं खेल महोत्सव एवं मिलन समारोह 2025 में मुख्य अतिथि एवं विद्यालय के पूर्व छात्र के रूप में संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम का आयोजन ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन (शोभा) द्वारा किया गया।
अपने संबोधन में गुप्ता ने कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से पूर्व छात्र अपने प्रारंभिक वर्षों से पुनः जुड़ते हैं। कक्षाओं, गलियारों, खेल के मैदानों और साझा अनुभवों से जुड़ी स्मृतियां जीवन भर साथ रहती हैं, चाहे व्यक्ति जीवन में किसी भी उच्च पद पर क्यों न पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालय में बिताए गए किशोरावस्था के वर्ष आत्मविश्वास, आकांक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
अध्यक्ष ने ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन की सक्रिय भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि एलुमनाई की निरंतर सहभागिता से ही शैक्षणिक संस्थान सुदृढ़ होते हैं। उन्होंने खेल सुविधाओं सहित हाल के बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए एलुमनाई से आग्रह किया कि वे दीर्घकालिक और सतत परिसंपत्तियों के निर्माण में योगदान देते रहें, जिससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा, खेल अथवा डिजिटल अवसंरचना में किया गया प्रत्येक योगदान अपने मूल संस्थान के प्रति कृतज्ञता और उत्तरदायित्व का प्रतीकo है।
गुप्ता ने कहा कि किसी भी पूर्व छात्र द्वारा अपने विद्यालय को लौटाकर दिया गया योगदान सबसे अर्थपूर्ण होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रवृत्तियां, शैक्षणिक सहयोग, डिजिटल शिक्षण सुविधाएं तथा स्थायी अवसंरचना परियोजनाएं दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ती हैं। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे योगदान तत्काल दृष्टिगोचर नहीं होते, किंतु समय के साथ वे प्रेरणा और विरासत का रूप ले लेते हैं।
विद्यालय के पीएम-श्री स्कूल योजना के अंतर्गत चयनित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए माननीय अध्यक्ष ने कहा कि यह कार्यक्रम विद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक परिवर्तन की मुख्यधारा से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि पीएम-श्री विद्यालय उत्कृष्टता, आधुनिक अवसंरचना और समग्र विकास का प्रतीक हैं, और शिक्षकों, एलुमनाई तथा समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे ऐसे संस्थानों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक अशोक गोयल, ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैलाश चंद्र गुप्ता तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य मेहक सिंह सहित अनेक वरिष्ठ पूर्व छात्र, शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
अध्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन आयु और पद की सीमाओं से ऊपर उठकर साझा पहचान और अपनत्व की भावना को सुदृढ़ करते हैं।
अध्यक्ष ने कहा कि जब पूर्व छात्र अपने विद्यालय के विकास में निरंतर सक्रिय रहते हैं, तो संस्थान और अधिक सशक्त बनते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि एलुमनाई, शिक्षक और समाज मिलकर कार्य करें, तो शैक्षणिक संस्थान न केवल भौतिक रूप से समृद्ध होंगे, बल्कि भावी पीढ़ियों में आत्मविश्वास, अनुशासन और गर्व की भावना भी विकसित करेंगे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

