एसएसबी हॉस्पिटल फ़रीदाबाद में मित्रा क्लिप से बचाई गंभीर मरीज की जान

एसएसबी हॉस्पिटल फ़रीदाबाद में मित्रा क्लिप से बचाई गंभीर मरीज की जान
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एसएसबी हॉस्पिटल फ़रीदाबाद में मित्रा क्लिप से बचाई गंभीर मरीज की जान


नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। 75 वर्षीय एक गंभीर मरीज को माइट्रल वाल्व (बाएं वेंट्रिकल और बाएं आलिंद के बीच वाल्व) के माध्यम से ठीक करने में सफलता मिली है। इस ऑपरेशन तकनीक का इस्तेमाल कर एसएसबी अस्पताल फ़रीदाबाद की विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने किया।

इस बाबत अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.एस. बंसल ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमारे मरीज के जीवन को खतरे में डालने वाले वाल्व रिसाव का समाधान मित्रा क्लिप द्वारा हो गया। ऐसी प्रक्रिया में सटीकता के लिए सबसे उन्नत 4 डी टी इको मशीन की आवश्यकता होती है। एसएसबी अस्पताल में ऐसे उन्नत उपकरण और तकनीक उपलब्ध हैं।

उन्होंने बताया कि एकमात्र समस्या यह है कि मित्रा क्लिप की कीमत लगभग 30 लाख है, जिसे हमारे अधिकांश मरीज़ वहन नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि लागत जल्द ही कम हो जाएगी और गंभीर माइट्रल वाल्व रिसाव के अधिक से अधिक मरीज जो वाल्व सर्जरी के लिए अयोग्य हैं, मित्रा क्लिप के साथ अच्छी गुणवत्ता वाले जीवन के साथ लंबे समय तक जीवित रह सकेंगे।

उन्होंने मरीज के हालत की जानकारी देते हुए कहा कि रिसाव के कारण हृदय गति रुकने के कारण एसएसबी हृदय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाएं वेंट्रिकल से उनका अधिकांश रक्त परिसंचरण में जाने की बजाय बाएं आलिंद में वापस रिस रहा था, जिससे फेफड़ों में रक्त जमा हो गया था। इसके परिणामस्वरूप उन्हें अत्यधिक सांस लेने में कठिनाई और थकान होने लगी और वह बहुत बीमार हो गए। उन्हें मधुमेह, पक्षाघात, गिल्बर्ट सिंड्रोम, हृदय और पैर की धमनियों में रुकावट और अनियमित दिल की धड़कन जैसी कई बीमारियां हो गई। माइट्रल वाल्व के गंभीर रिसाव के कारण उनका जीवन कष्टमय हो गया था। मरीज की स्थिति यह हो गई थी कि उन्हें लेट कर सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी। मरीज की हालत यह हो गई कि सर्जिकल माइट्रल वाल्व को बदलने या मरम्मत करना तक मुश्किल हो गया। मरीज भी बचने की उम्मीद खोने लगा।

डॉक्टर ने बताया कि दाहिनी जांघ की नस में एक छोटे से पंचर के माध्यम से लीक हो रहे वाल्व की सफल मित्रा क्लिप द्वारा मरम्मत की गई। मित्रा क्लिप ने वाल्व रिसाव को काफी कम कर दिया। माइट्रल वाल्व के दोनों पत्तों को बीच में एक साथ जोड़ने के लिए मित्रा क्लिप को बाएं आलिंद में रखे कैथेटर के माध्यम से पारित किया गया था। इस प्रक्रिया के तुरंत बाद मरीज की हालत में सुधार हो गया।

हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/अनूप/दधिबल

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