सोनल मानसिंह ने वर्चुअल रियलिटी के दौर में भी कला के प्रति ऋषा के जुनून को सराहा

सोनल मानसिंह ने वर्चुअल रियलिटी के दौर में भी कला के प्रति ऋषा के जुनून को सराहा
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सोनल मानसिंह ने वर्चुअल रियलिटी के दौर में भी कला के प्रति ऋषा के जुनून को सराहा


नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। भारतीय पारंपरिक नृत्य परंपरा दो हज़ार साल से भी ज़्यादा पुरानी है, जिसने सही मायने में हमारी सदियों पुरानी गुरु-शिष्य परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखा है। इसकी झलक राजधानी के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित ऋषा टंडन और उनके अरंगेत्रम समारोह में देखने को मिली, जिसमें मनोरंजन जगत की कुछ प्रसिद्ध हस्तियों ने गुरुवार को इस खास शाम की शोभा बढ़ाई। इनमेंं श्रेयसी गोपीनाथ, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित राज्यसभा सांसद और भारत की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक हस्ती डॉ. सोनल मानसिंह और राकेश शर्मा सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर डॉ. सोनल मानसिंह ने कहा कि अरंगेत्रम के अवसर पर ऋषा न केवल सालों के समर्पित प्रशिक्षण की परिणति की बल्कि एक सच्ची कलाकार के रूप में उभरने की भी गवाह बनी। उन्होंने कहा कि मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि वर्चुअल रिएलिटी के इस दौर में भी ये युवा शिष्य इस कला के प्रति कितना जुनून और विश्वास दिखा रहे हैं। उन्होंने ऋषा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह समर्पण और जुनून से डांस करना जारी रखें, क्योंकि यह भरतनाट्यम की आत्मा है, जो आपके माध्यम से बोलती है।

ऋषा टंडन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह सर्वश्रेष्ठ भरतनाट्यम डांसर्स में से एक बनना चाहती हैं। साथ ही वे अरंगेत्रम परफॉर्मेंस को अपनी गुरु और परिवार के सदस्यों को समर्पित करती हैं, जिन्होंने उनके साथ यह सपना देखा।

उल्लेखनीय है कि ऋषा टंडन ने सात साल की उम्र से ही श्रेयसी गोपीनाथ डांस अकादमी से भरतनाट्यम की कला को सीखना शुरू कर दिया था। गुरु श्रेयसी गोपीनाथ के मार्गदर्शन में वह एक बेहतरीन डांसर के रूप में उभरी हैं। पिछले नौ वर्षों में उन्होंने इस क्लासिकल डांस फॉर्म की बारीकियों और सटीक तकनीकों को सीखा। ऋषा को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) से डांस स्कॉलरशिप मिली है।

उन्होंने प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ (कला और संस्कृति को समर्पित संगठन) से क्लासिकल डांस में पांच वर्षीय प्रारंभिक एवं भूषण पाठ्यक्रम पूरा किया है। उन्हें प्रगति मैदान में साहित्य कला केंद्र, एससीईआरटी, किरण नादर कला एवं संस्कृति संग्रहालय और यशराज भारती सम्मान द्वारा आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनने का मौका मिला है। ऋषा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डांस प्रतियोगिताओं में इनाम भी जीते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ मुकुंद/चंद्र प्रकाश/दधिबल

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