ओएसडी निलंबन मामले में सौरभ भारद्वाज बोले, एलजी नहीं करने देना चाहते काम
नई दिल्ली, 29 मई (हि.स.)। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि उपराज्यपाल उन्हें काम नहीं करने देना चाहते। इसके लिए एक -एक कर उनके कार्यालय से सचिव, ओएसडी और फेलो को निकाला जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) डॉ. आरएन दास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
इस पर सौरभ भारद्वाज ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि पिछले एक साल में उनके कार्यालय से कई लोगों को निकाला गया है। कोई कारण खोज कर आरोप लगाया जाता है और फिर जांच के नाम पर निलंबित कर दिया जाता है। इसके चलते अब उनका कार्यालय लगभग खाली हो गया है।
भारद्वाज ने आगे कहा कि एलजी अक्सर उन्हें विभिन्न मामलों पर चिठ्ठियां लिखा करते थे। इन पर उन्हें तुरंत जवाब मिल जाता था। एलजी इसे रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
ओएसडी डॉ. आरएन दास का निलंबन निजी नर्सिंग होम के अनियमित और अवैध पंजीकरण में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर है। दिल्ली के विवेक विहार में एक अस्पताल में आग लगने से छह नवजात शिशुओं की मौत के बाद आज उनका निलंबन हुआ है। बुधवार को जारी आदेश में उन्हें हटाये जाने की जानकारी दी गई है।
इससे पहले एलजी ने गर्मी से जुड़े उपायों को लेकर दिल्ली सरकार को घेरा था। एलजी ने कहा था कि दिल्ली सरकार नदारद है।
इस पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आधी गर्मी निकल जाने पर एलजी कार्यालय के प्रमुख सचिव ने दिल्ली के मुख्य सचिव को गर्मी और लू पर कार्ययोजना बनाने को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र के ज़रिए दिल्ली सरकार के मंत्रियों पर तंज कसने की कोशिश की है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने गर्मियों की शुरुआत में ही मार्च में 3 दर्जन से ज़्यादा परामर्श सभी विभागों को भेजे थे। सभी मुख्य जिला मेडिकल अधिकारी को लू लगने के मामलों को लेकर एडवाइजरी भेजी गई। दिल्ली सरकार-केंद्र सरकार, एनडीएमसी, एमसीडी और सभी स्कूलों को एडवाइजरी भेजी गई।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/दधिबल
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