प्रथम वर्ष समापन कार्यक्रम, अपनी भाषा-भूषा, भोजन-भजन एवं भ्रमण तथा भवन में भारतीयता का प्रकटन हो: उत्तर क्षेत्र कार्यवाह

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प्रथम वर्ष समापन कार्यक्रम, अपनी भाषा-भूषा, भोजन-भजन एवं भ्रमण तथा भवन में भारतीयता का प्रकटन हो: उत्तर क्षेत्र कार्यवाह


प्रथम वर्ष समापन कार्यक्रम, अपनी भाषा-भूषा, भोजन-भजन एवं भ्रमण तथा भवन में भारतीयता का प्रकटन हो: उत्तर क्षेत्र कार्यवाह


नई दिल्ली, 8 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रान्त द्वारा पिछले 15 दिन से चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) का समापन कार्यक्रम बुधवार शाम महाशय चुन्नी लाल सरस्वती बाल मंदिर, हरि नगर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र कार्यवाह रोशन कुमार मुख्य वक्ता तथा लेखिका एवं स्तंभकार अद्वैत काला मुख्य अतिथि थीं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता रोशन कुमार ने समाज परिवर्तन के पंच प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपनी भाषा-भूषा, भोजन-भजन एवं भ्रमण तथा भवन में भारतीयता का प्रकटन हो, इसका उन्होंने आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि हमें अपने नागरिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए तथा एक आदर्श नागरिक के रूप में विवेकपूर्वक अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के विषय में उन्होंने जल संरक्षण के महत्त्व तथा अपने दैनिक जीवन में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए कहा।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल एवं इस संघ शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी आनंद कुमार की उपस्थिति रही। संघ का ध्येय भारत को परम वैभव पर ले जाना है। इस कार्य को करने की दृष्टि से सुयोग्य कार्यकर्ताओं के निर्माण हेतु संघ शिक्षा वर्गों का आयोजन किया जाता है।

इस वर्ष दिल्ली प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) महाशय चुन्नी लाल सरस्वती बाल मंदिर, हरि नगर, दिल्ली में 24 दिसम्बर से प्रारंभ हुआ जो गुरुवार 9 जनवरी को प्रातः संपन्न होगा।

इस संघ शिक्षा वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के कुल 133 शिक्षार्थी भाग ले रहे हैं जिसमें दिल्ली से 131 शिक्षार्थी तथा अन्य प्रांत(कर्नाटक तथा आंध्रप्रदेश) से 2 शिक्षार्थी हैं। इन 133 शिक्षार्थियों में से 83 विद्यार्थी तथा 50 कर्मचारी एवं व्यवसायी है। इन 83 विद्यार्थियों में स्नातक से लेकर बी टेक, एम टेक एवं पीएचडी तक के विद्यार्थी है। 50 कर्मचारी एवं व्यवसायियों में प्राध्यापक, अध्यापक, सरकारी कर्मचारी एवं व्यवसायी शामिल है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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