दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण हरियाणा से आता है: प्रियंका कक्कड़

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दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण हरियाणा से आता है: प्रियंका कक्कड़


नई दिल्ली, 4 नवंबर (हि.स.)। आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने शनिवार को मीडिया रिपोर्टों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण में सबसे बड़ी भूमिका पड़ोसी राज्य हरियाणा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा तो पूरी तरह से वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग भी नहीं करता है।

प्रियंका ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि देश में सबसे प्रदूषित रहे जिलों में 20 जिले हरियाणा के और दो पंजाब के हैं। इन शहरों में सबसे ऊपर हनुमानगढ़, फतेहाबाद, हिसार, झील, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा है। उन्होंने याद दिलाया कि शुक्रवार को उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि गाजियाबाद में उतरते ही उनकी आंखों में जलन होने लगी। प्रियंका ने कहा कि ये सारा प्रदूषण हरियाणा से है। हरियाणा वायु प्रदूषण की पूरी तरह से मॉनिटरिंग भी नहीं करता है। हरियाणा का क्षेत्रफल करीब 45 हजार वर्ग किलोमीटर है। इसमें सिर्फ 29 जगहों पर ही वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग होती है। इसके ठीक विपरीत दिल्ली में एक पढ़ी-लिखी सरकार है। दिल्ली में करीब 37 किलोमीटर पर एक मॉनिटरिंग सेंटर है और कुल 40 मॉनिटर हैं। उन्होंने कहा कि हम समस्याओं का समाधान निकालने में विश्वास रखते हैं। शुक्रवार को गाजियाबाद के लोनी में एक अफसर के घर के आगे एक्यूआई मॉनिटर लगा हुआ है। वहां रीडिंग कम रखने के लिए लगातार वाटर कैनन का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके बावजूद वहां की रीडिंग दिल्ली से ज्यादा थी।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि पंजाब में पराली का एपीसेंटर दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर है जबकि हरियाणा का 129 किलोमीटर दूर है। हवा की गति भी कम है। इसलिए यह समझा जा सकता है कि दिल्ली में पराली का प्रदूषण कहां से आ रहा है। हरियाणा सरकार से सवाल पूछा जाना लाजमी है कि वो पराली के प्रदूषण को कम क्यों नहीं कर पा रही है जबकि पंजाब में केवल एक साल में करके दिखा दिया।

हरियाणा सरकार ने पराली के समाधान के लिए क्या कदम उठाए हैं या किस इंडस्ट्री के साथ समझौता किया है, ताकि वो पराली खरीद लें। पंजाब सरकार ने भटिंडा में 9 केंद्र बनाए हैं, जहां पर पराली को जमा किया जा सकता है और इंडस्ट्री में इस्तेमाल हो सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/दधिबल

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