भारतीय संस्कृति और एकता के परिचायक 'फूल वालों की सैर' उत्सव का हुआ शुभारंभ
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। संस्कृति और एकता के परिचायक 'फूल वालों की सैर' उत्सव का शुभारंभ हो चुका है। सोमवार की आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी को उत्सव का प्रतीक पारंपरिक पंखा भेंट कर सात दिवसीय फूल वालों की सैर 2024 उत्सव की शुरुआत की गई। इस मौके पर आयोजक शहनाई वादकों के साथ दिल्ली सचिवालय पहुंचे और आतिशी को फूलों का पंखा भेंट किया।
मुख्यमंत्री आतिशी ने 'फूलवालों की सैर' की शुरुआत के मौके पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि फूलवालों की सैर सिर्फ़ एक सात दिन त्यौहार नहीं बल्कि हमारी गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है। आज के दौर में सभी को इन प्रतीकों की बहुत ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में देश के हर हिस्से के लोग, हर धर्म संप्रदाय, मान्यता के लोग रहते हैं और इस प्रकार के उत्सव सभी को साथ लाने का काम करते हैं।
आतिशी ने कहा कि आज के समय में जब इंसान को इंसानियत से दूर किया जा रहा है, एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। धर्म-जाति, भाषा के नाम पर अलग-अलग दीवारें खड़ी की जा रही हैं। ऐसे में 'फूलवालों की सैर' लोगों को साथ लाने का त्यौहार है, जो आपसी भेदभाव की भुलाकर प्रेम और सौहार्द को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी इन परंपराओं को संजोना और उनका जश्न मनाना जारी रखना चाहिए क्योंकि ये ऐसे पुल हैं जो हमें हमारी जड़ों से, एक-दूसरे से और उस भविष्य से जोड़ते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी
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