अनधिकृत कॉलोनियों में जल निकासी समस्या का स्थायी हल निकाले सरकार : देवेंद्र यादव

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अनधिकृत कॉलोनियों में जल निकासी समस्या का स्थायी हल निकाले सरकार : देवेंद्र यादव


नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने की जगह तीन सौ सेप्टिज सफाई मशीनों की तैनाती पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीनों में रेखा सरकार ने यमुना सफाई पर घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं किया और अब सेप्टिक टैंकों की सफाई को यमुना स्वच्छता अभियान से जोड़कर सरकार दिल्ली वालों की सहानुभूति लेने की कोशिश कर रही है। सरकार सेप्टिक टैंकों की सफाई पर करोड़ों बर्बाद करने की जगह सीवर लाइन बिछाकर जल निकासी और अपशिष्ट की समस्या का स्थायी हल निकाले।

देवेंद्र यादव ने एक बयान में कहा कि यमुना सफाई के लिए दिल्ली जल बोर्ड को ओखला के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की 124 एमजीडी क्षमता बढ़ाने के लिए जो उद्घाटन किया था, उस पर काम करना चाहिए। सीवर लाइन की कमी वाले क्षेत्रों नजफगढ़, टीकरी कलां में कचरे का स्थानीय स्तर पर उपचार करने और परिवहन संबधी समस्याओं को कम करने के लिए छोटे संयंत्रों का निर्माण करें तथा इंटर सेप्टर सीवर परियोजना के तहत यमुना में प्रवेश करने से पहले कच्चे सीवेज को रोकन के लिए प्रमुख नालों नजफगढ़, सप्लीमेंट्री, शाहदरा के साथ सीवर बिछाने का काम करें।

यादव ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पुरानी जर्जर सीवर लाइनों और उनमें होने वाली रुकावटों को तुरंत दुरुस्त करने, सीवेज से वंचित क्षेत्रों और अनधिकृत बस्तियों को सीवेज नेटवर्क से जोड़ने पर काम करने पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ती आबादी को देखते हुए सीवेज क्षमता को बढ़ाने, सीवेज उपचार क्षमता पर बढ़ाने पर काम करना चाहिए।

यादव ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2018 के अनुसार लगभग 150 निजी ठेकेदार को अपशिष्ट का संग्रह और निपटान करके सीवेज पमपिंग स्टोशनों पर 86 संग्रह केंद्रों पर भेजते हैं और वर्तमान में संग्रह और निपटान दर प्रति माह लगभग 30-40 करोड़ लीटर सेप्टेज है। दिल्ली सरकार मौजूदा समस्याओं से दूर भविष्य में एक-दो वर्ष बाद की योजनाओं पर बात कर रही है जबकि वर्तमान में दिल्ली का हर व्यक्ति परेशानियों का सामना कर रहा है। दिल्ली सरकार जल हो या वायु प्रदूषण किसी पर भी नियंत्रण पाने में नाकाम है, जबकि दिल्लीवासी दूषित पानी और जहरीली हवा के साथ जीने को मजबूर हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

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