चुनाव आयोग आप नेता आतिशी को नोटिस
नई दिल्ली, 5 अप्रैल (हि.स.)। चुनाव आयोग ने आप नेता आतिशी को नोटिस भेजा है। इसके जवाब में आतिशी ने चुनाव आयोग पर ही सवाल खड़े किए हैं।
प्रेस वार्ता कर आतिशी ने कहा कि क्या चुनाव आयोग भाजपा का अनुसांगिक संगठन बन चुकी है? उन्होंने कहा कि आप नेता गुलाब सिंह के घर आईटी रेड पर, दिल्ली पुलिस द्वारा आप पार्टी ऑफिस सील करने पर, भाजपा द्वारा आपत्तिजनक पोस्टर होर्डिंग्स लगाने पर बार-बार चिट्ठी लिखने के बाद भी चुनाव आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया। लेकिन ऐसा क्या है कि चुनाव आयोग ‘आप’ की लगातार शिकायतों पर कोई एक्शन नहीं ले रहा पर भाजपा की शिकायत पर मात्र 12 घंटे में ही एक्शन ले लिया। जब भाजपा शिकायत करती है तो मात्र 12 घंटे के अंदर चुनाव आयोग नोटिस भी भेजती है, नोटिस भेजने से पहले भाजपा को रिपोर्ट भी करती है और खबरें भी चलवाती है।
आतिशी ने चुनाव आयोग से सवाल पूछा कि मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट लगने के बाद एक मुख्यमंत्री को ईडी गिरफ्तार करती है। क्या चुनाव आयोग इसपर ईडी को नोटिस भेजता है? जब इनकम टैक्स विभाग देश के एक बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बैंक अकाउंट को सीज करती है तो क्या चुनाव आयोग इनकम टैक्स विभाग को नोटिस भेजता है।
आतिशी ने चुनाव आयोग के नोटिस के समय पर भी सवाल उठाए हैं और कहा कि उन्हेें नोटिस मिलने से पहले ही इसे मीडिया को लीक कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने मेरी एक प्रेस वार्ता पर मुझे एक नोटिस भेजा। इस नोटिस का आधार भाजपा द्वारा 4 अप्रैल को की गई एक शिकायत है। 4 अप्रैल को भाजपा इलेक्शन कमीशन में शिकायत करती है। 5 अप्रैल को 11:15 बजे सभी न्यूज़ चैनलों पर फ़्लैश होता है कि इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी को नोटिस भेजा और इसके आधा घंटा बाद 11:45 बजे मुझे ईमेल द्वारा नोटिस मिलता है। यानी इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया के नोटिस की खबर पहले भाजपा मीडिया में प्लांट करवाती है, उसके बाद इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया नोटिस भेजता है।
उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया के आंखों के सामने भाजपा शासित केंद्र सरकार ईडी-सीबीआई-इनकम टैक्स का खुलेआम चुनाव से पहले गलत इस्तेमाल कर रही है। इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया देश में जहां विपक्ष की सरकारें है, वहां मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी का तबादला कर देती है लेकिन जब विपक्ष के नेता, इंडिया गठबंधन के नेता चुनाव आयोग के पास जाते है और ये मांग करते है कि चुनावों तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट-ईडी-सीबीआई के डायरेक्टरों को बदला जाये तो चुनाव आयोग कुछ नहीं करता।
हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/अनूप
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