दिल्ली में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की नई इमारत का उद्घाटन
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नई दिल्ली, 9 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली के रोहिणी स्थित मधुबन चौक में फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी यानी विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की नई इमारत का शनिवार को उद्घाटन हुआ। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत और दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की उपस्थिति में नए भवन का उद्घाटन हुआ।
फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी दिल्ली सरकार की एक इकाई है, जो अत्याधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों द्वारा अपराध की पहचान करती है, अपराधों के लिए पूर्वानुमान द्वारा राज्य पुलिस बल को अपराध से रोकने में मदद करती है। इस प्रयोगशाला में वैज्ञानिक अपराध स्थलों, पीड़ितों, संदिग्धों से एकत्रित किए गए सबूतों का विश्लेषण किया जाता है।
मजबूत होगी अपराध पर निगरानी
नए भवन के उद्घाटन के बाद एलजी और मंत्री कैलाश गहलोत ने एफएसएल के कामकाज की जमकर सराहना की। एलजी ने कहा कि किसी भी अपराधिक मामलों में सबूतों की कड़ी से कड़ी जोड़कर दिल्ली पुलिस की जांच में मददगार साबित होने वाली संस्थान फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी को एक नई सौगात मिली है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष छवि रहती है, ऐसे में पेचीदा मामलों को सुलझाने के लिए एफएसएल दिल्ली पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होती है। एफएसएल की जांच से दिल्ली पुलिस के काम में मदद मिलती है और न्याय मिलने में आसानी होती है। एलजी ने कहा कि एफएसएल लगातार ऑर्गनाइज क्राइम ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा कार्यक्रम में कई उच्च अधिकारी भी शामिल हुए।
इस मौके पर दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि पुलिस और एफएसएल एक सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसे में किसी भी आपराधिक मामलों में एफएसएल की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अपराधों पर लगाम लगाने में एमएसएल अपना काम बखूबी करती है और इस नई बिल्डिंग के बनने और आधुनिक व्यवस्था मिलने से काम में और तेजी आएगी। इसे बनाने का जिम्मा पीडब्लूडी को दिया गया था, जिसे पीडब्ल्यूडी ने निर्धारित समय सीमा में पूरा कर एफएसएल को सौंप दिया।
इस बिल्डिंग के निर्माण में दिल्ली सरकार ने 59 करोड़ रुपये का निवेश किया। निर्माण परियोजना दो जनवरी, 2020 को शुरू हुई और यह तीन साल से भी कम समय में पूरी हो गई। एनेक्सी बिल्डिंग, मुख्य भवन से जुड़ी एक वातानुकूलित संरचना है, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षण, अपराध स्थल प्रबंधन और विशेष परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन प्रदान करके प्रयोगशाला के मिशन का समर्थन करना है।
सात मंजिलायह बिल्डिंग 10,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली है। बिल्डिंग अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
-मॉडर्न नारकोटिक ड्रग (एनडीपीएस) लैब
-उन्नत डीएनए परीक्षण (डीएनए) लैब
-उन्नत साइबर (साइबर फोरेंसिक) लैब
-अत्यधिक उन्नत विष विज्ञान प्रयोगशाला
-राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के प्रशिक्षुओं, राष्ट्रीय रक्षा अधिकारियों और प्रयोगशाला कर्मियों के लिए अलग कमरे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी/दधिबल