दिल्ली में जलभराव पर एलजी ने की आपात बैठक, बिजली कंपनियों के अफसरों की छुट्टियों पर लगाई रोक
- 24x7 काम करने वाला कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएः उपराज्यपाल
- अनधिकृत कालोनियों, अंडरपास और सुरंगों में पंप लगाए जाएं
- बिजली कम्पनियां सुनिश्चित करें कि कहीं कोई नंगे तार न हों
नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजधानी में जलभराव की स्थिति को खतरनाक बताया है। राजनिवास में बुलाई गई आपातकालीन बैठक में उन्होंने जल निकासी के लिए अनधिकृत कालोनियों से लेकर अंडरपास और सुरंगों तक में पंप लगाने का निर्देश दिल्ली सरकार और सम्बन्धित एजेंसियों को दिया। उपराज्यपाल ने कहा कि जल जमाव की वजह से शार्ट सर्किट होने की आशंका के मद्देनजर बिजली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टी पर दो माह तक रोक लगाई जाए।
दिल्ली में आज मानसून की पहली मूसलाधार बारिश की वजह से जगह-जगह जल भराव हुआ। इसे लेकर उप-राज्यपाल ने दिल्ली में जल जमाव की स्थिति की समीक्षा करने के लिए आज राजभवन में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों की आपात बैठक बुलाई थी। बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि गाद निकालने का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए बाढ़ नियंत्रण आदेश भी जारी नहीं किया गया। उपराज्यपाल ने पूरी दिल्ली में अत्यधिक बारिश और उसके परिणामस्वरूप जलभराव की स्थिति में आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए तैयारियों में कमी को गंभीरता से लिया ।
इस आपात बैठक में दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, आईएंडएफसी, एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली पुलिस, डीडीए और एनडीआरएफ की सभी संबंधित एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में गंभीर जलभराव, बिना गाद वाले नालों के ओवरफ्लो से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई। स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की तैयारियों और आपातकालीन प्रक्रिया की समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए, जो चौबीसों घंटे कार्यरत रहे। सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया जाएगा और पीडब्ल्यूडी, आईएंडएफसी, एमसीडी, डीडीए और एनडीएमसी के सभी स्थिर पंपों का परीक्षण किया जाएगा और 24x7 आधार पर पंपों को सक्रिय करने के लिए तैनात फील्ड स्टाफ के एक मैट्रिक्स के साथ कार्यात्मक बनाया जाएगा।
उपराज्यपाल ने आगे कहा कि आवश्यकता पड़ने पर मोबाइल पंपों का उपयोग किया जाना चाहिए। अतिरिक्त पंपों की खरीद की जानी चाहिए और उन्हें निचले इलाकों, विशेष रूप से अनधिकृत कॉलोनियों में ऐतिहासिक रूप से जलभराव और अंडरपास और सुरंगों में ऑपरेट किया जाना चाहिए।
उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि आई एंड एफसीडी नियमित रूप से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहे ताकि वर्षा के स्तर, हथनीकुंड बैराज से डिस्चार्ज का आकलन किया जा सके और राजस्व विभाग अत्यधिक वर्षा की स्थिति में डीडीएमए के तहत आपदा प्रतिक्रिया सेल को सक्रिय कर सके।
उपराज्यपाल ने बिजली विभाग से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि डिस्कॉम यह सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपाय करें कि उनके अधिकार क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट की संभावना वाले नंगे तार न हों। उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि छुट्टी पर गए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत ड्यूटी पर वापस आने के लिए कहा जाए और अगले दो महीनों तक कोई छुट्टी मंजूर न की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/बिरंचि सिंह/दधिबल
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