रोहिणी कोर्ट परिसर की दयनीय हालत पर क़ानून मंत्री आतिशी ने जताई नाराज़गी
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। क़ानून व पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स की दयनीय हालत को लेकर नाराज़गी जताई है। इस बाबत उन्होंने प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए है कि 30 दिसंबर तक प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी, क़ानून विभाग के प्रधान सचिव के साथ बातचीत कर रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स के लिए विस्तृत मेंटेनेंस कॉंट्रैक्ट का ड्राफ्ट तैयार करें।
रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स में ख़राब फैसिलिटीज़ मेंटेनेंस पर जज़ों और वकीलों से आई रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए क़ानून मंत्री आतिशी ने रोहिणी कोर्ट परिसर का दौरा किया। इस दौरान क़ानून मंत्री ने पाया कि कोर्ट परिसर की हालत दयनीय है। पूरी इमारत में सीलन की बड़ी समस्या है और इस कारण दीवारों और छत से पानी रिस रहा है। सीलन के कारण दीवारें नम और गंदी हो गई है और दीवारों से पेंट और सीमेंट उखड़ रहा है। उन्होंने पाया कि, फॉल्स सीलिंग भी खराब हालत में है, उसके कई पैनल गायब है और तार भी लटक रहे है।
साथ ही क़ानून मंत्री ने पाया कि कोर्ट रूम और वकीलों के चैम्बर में उचित रखरखाव का अभाव था। कोर्ट काम्प्लेक्स में बिल्डिंग की साफ़-सफ़ाई भी एक बड़ा मुद्दा था। यहां शौचालय, विशेषकर महिलाओं के शौचालय, गंदी हालत में थे।
क़ानून मंत्री ने इमारत के बेसमेंट का भी निरीक्षण किया, जिसकी हालत बहुत ख़राब थी। यहां बिजली की फिटिंग गायब थी, सीढ़ियाँ टूटी हुई थी और वहां अंधेरा था।
कोर्ट परिसर की इस स्थिति को देखकर क़ानून मंत्री बेहद नाराज़ हुई। उन्होंने कहा कि, रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स का उपयोग बड़ी संख्या में जजो, वकीलों और उनके कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि इन लोगों को यहाँ अपना काम करने के दौरान किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा की, इस कोर्ट में न्याय की तलाश में,अपने कानूनी मुद्दों को सुलझाने के लिए रोज़ाना हजारों लोग भी आते हैं। उन्हें भी असुविधा पहुंचाना अमानवीय होगा। इसलिए, कोर्ट काम्प्लेक्स में बेहतर कोर्ट रूम, चैम्बर्स, स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना और उन्हें ठीक स्थिति में रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
क़ानून मंत्री ने कहा कि, नियमों के अनुसार सभी अदालतों में बुनियादी सुविधाएं मौजूद होनी चाहिए। और यह संयुक्त रूप से पीडब्ल्यूडी और क़ानून विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि, रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स के अधिकांश मुद्दों को मेंटेनेंस कॉंट्रैक्ट के रूप में एक व्यापक फ़ैसिटिली मैनेजमेंट सिस्टम जिसमें इमारत की साफ़-सफाई, बुनियादी रखरखाव आदि शामिल हो, द्वारा आसानी से हल किया जा सकता है। यहां फ़ैसिलिटी मैनेजर जजों, वकीलों और आम जनता के सामने कोर्ट परिसर में आने वाले दिन-प्रतिदिन के समस्याओं को देखते हुए समाधान कर सकता है।
ऐसे में क़ानून मंत्री आतिशी ने प्रमुख सचिव (पीडब्ल्यूडी) को निर्देश दिये है कि वो 30 दिसंबर तक प्रमुख सचिव (कानून) के परामर्श से रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स के मेंटेनेंस के लिए एक व्यापक मेंटेनेंस कॉंट्रैक्ट का ड्राफ्ट तैयार करें। इसके बाद, दिल्ली के सभी अदालत परिसरों का मेंटेनेंस इसी के तर्ज पर किया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/अनूप
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