आईपीयू ने क्यूएस एशिया रैंकिंग 2026 में दर्ज की उल्लेखनीय प्रगति

WhatsApp Channel Join Now
आईपीयू ने क्यूएस एशिया रैंकिंग 2026 में दर्ज की उल्लेखनीय प्रगति


नई दिल्ली, 4 नवंबर (हि.स.)। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) ने क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसने एशिया में 258वीं और दक्षिण एशिया में 56वीं रैंक प्राप्त की है। पिछले साल विश्वविद्यालय ने एशिया में 320वीं और दक्षिण एशिया में 81वीं रैंक पर थी।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा कि क्यूएस एशिया रैंकिंग में इस वर्ष की वृद्धि आईपीयू की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है। यह संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों की सामूहिक समर्पण को दर्शाता है और नवाचार, प्रभावशाली अनुसंधान और समावेशी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

प्रोफेसर महेश वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने अनुसंधान को बढ़ाने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और संस्थागत प्रथाओं को वैश्विक मानकों के साथ संरेखित करने के लिए रणनीतिक पहल की है। विश्वविद्यालय ने नवाचार, उद्यमिता और अंतःविषय अनुसंधान का समर्थन करने वाले एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण किया है।

महेश वर्मा नेकहा कि इस उपलब्धि के साथ, आईपीयू ने अपनी वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिति को मजबूत किया है और उच्च शिक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।

ग्लोबल रैंकिंग और कोलैबोरेशन सेल (जीआरसीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर गगन दीप शर्मा ने कहा कि एशिया में 60 से अधिक स्थानों और दक्षिण एशिया में 25 स्थानों की वृद्धि एक वर्ष के भीतर संस्थागत गति का एक शक्तिशाली संकेतक है। कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) महेश वर्मा के सक्षम नेतृत्व में, जीआरसीसी जीजीएसआईपीयू की वैश्विक साझेदारियों और दृश्यता को मजबूत करने वाली पहलों को आगे बढ़ा रहा है।

पिछले वर्ष में, जीजीएसआईपीयू ने अनुसंधान उत्पादन को बढ़ाने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और संस्थागत प्रथाओं को वैश्विक मानकों के साथ संरेखित करने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल की है। विशवविद्यालय ने नवाचार, उद्यमिता और अंतःविषय अनुसंधान का समर्थन करने वाले एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण किया है।

इन पहलों का उद्देश्य भारत की विकसित भारत 2047 दृष्टि और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ संरेखित करना है, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और शैक्षणिक उत्कृष्टता पर जोर देते हैं। क्यूएस एशिया रैंकिंग 2026 में विश्वविद्यालय की प्रभावशाली वृद्धि इसकी उत्कृष्टता की निरंतर खोज और एक वैश्विक स्तर पर सम्मानित ज्ञान संस्थान के रूप में उभरने की आकांक्षा का प्रमाण है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

Share this story