प्रदूषण पर सख्ती के असर की सरकार ने की निगरानी, नियमों का उल्लंघन करने वालों के काटे चालान
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों की आज व्यापक स्तर पर निगरानी की गई। सरकार का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जारी आदेशों का प्रभावी पालन कराया गया और विभिन्न विभागों ने आपसी समन्वय के साथ जिम्मेदारी निभाई। इस दौरान विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से सघन प्रवर्तन अभियान चलाया गया और प्रदूषण फैलाने वालों का चालान किया गया।
इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से विचार-विमर्श किया और उनके संबंधित विभागों से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा की और माना कि सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों का जमीन पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। नियमों का प्रभावी रूप से पालन कराने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से सघन प्रवर्तन अभियान चलाया गया। दिल्ली सरकार के निर्देशों के चलते आज राजधानी की सड़कों पर सामान्य दिनों की तुलना में वाहनों की संख्या कम देखी गई। एक महत्वपूर्ण संकेत यह भी सामने आया कि बड़ी संख्या में वाहन चालक स्वयं ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) बनवाते नजर आए, जिसे सरकार ने जन-जागरूकता की दिशा में सकारात्मक संकेत बताया।
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएयूएम) के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। आयोग के निर्देशों के तहत राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण यानी ग्रेप-4 लागू है। इसी के तहत सघन जांच अभियान चलाए गए और नियमों के उल्लंघन पर चालान की कार्रवाई की गई।
इस संबंध में दिल्ली परिवहन विभाग व दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार इस विशेष अभियान के लिए कुल 210 प्रवर्तन टीमें तैनात की गईं। इनमें 126 टीमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की और 84 टीमें दिल्ली परिवहन विभाग की थीं। अभियान के दौरान बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के चल रहे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा 2,743 चालान काटे गए, जबकि दिल्ली परिवहन विभाग ने 316 चालान जारी किए। इसके अतिरिक्त, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन प्रणाली के माध्यम से 687 चालान किए गए। इस तरह बिना पीयूसी वाले वाहनों के खिलाफ कुल 3,746 चालान दर्ज किए गए।
इसके अलावा ग्रेप नियमों के उल्लंघन के मामलों में भी कार्रवाई हुई। रिपोर्ट के अनुसार उल्लंघन पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 363 चालान काटे, जबकि दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा 34 चालान किए गए। इस श्रेणी में कुल 397 चालान दर्ज किए गए। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई अहम आदेश लागू किए हैं। इनमें सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ को वर्क-फ्रॉम-होम करने का निर्देश, ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम का सख्त पालन और गैर-बीएस-VI वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध प्रमुख हैं। सरकार ने सामाजिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्यों पर लगी रोक से प्रभावित मजदूरों को 10,000 रुपये की प्रत्यक्ष सहायता (डीबीटी) देने का निर्णय भी लिया है।
स्कूलों और सार्वजनिक गतिविधियों को लेकर भी ग्रेप-4 के तहत आवश्यक प्रतिबंध लागू किए गए हैं। दिल्ली सरकार का कहना है कि इन सभी कदमों का उद्देश्य वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करना, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाना, आम लोगों के स्वास्थ्य को तत्काल राहत देना और दीर्घकालिक समाधान के लिए जागरूकता व सख्त नियमों को लागू करना है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर निगरानी और सख्ती आगे भी जारी रहेगी।
दिल्ली सरकार राजधानी के प्रदूषण को नियंत्रण में लाने और धूल को निष्प्रभावी करने के लिए लगातार उपाय कर रही है, इनमें सड़क धूल (रोड डस्ट) को नियंत्रित करने के लिए 397 एंटी-स्मॉग गन तैनात की गईं हैं। साथ ही 276 पानी के छिड़काव करने वाले स्प्रिंकलर लगाए गए ताकि सड़कों से उड़ने वाली धूल को नियंत्रित किया जा सके। यांत्रिक सफाई के तहत 73 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें तैनात की गईं। इन मशीनों की मदद से कुल 2,177.2 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों की यांत्रिक सफाई की गई, जिससे सड़क की धूल को कम करने में मदद मिली। दिल्ली सरकार ने अभिनव प्रयोग के रूप में आईटीओ पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाया गया है। यह अतिआधुनिक सिस्टम धूल प्रदूषण के कणों को निष्प्रभावी कर देता है। इस सिस्टम को दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में लगाया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

