जन धन योजना से बढ़ी वित्तीय साक्षरता : सुरेश प्रभु
नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स.)। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से लोगों में वित्तीय साक्षरता बढ़ी है। इसके प्रति लोगों को और अधित जागरूक करने की जरूरत है। इस दिशा में हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को एवोक इंडिया फाउंडेशन की ओर से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित “इंटरनेशनल फाइनेंशियल लिटरेसी कॉन्क्लेव 2023” के छठे संस्करण को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जन धन योजना जैसी पहल से देश में वित्तीय साक्षरता बढ़ी है। वित्तीय साक्षरता भारत की परिवर्तनकारी यात्रा के लिए महत्वपूर्ण व मजबूत आधार है। हमें मिलकर देश में वित्तीय साक्षरता और अधिक बढ़ानी होगी।
कार्यक्रम के दौरान एवोक इंडिया के संस्थापक और अध्यक्ष प्रवीण कुमार द्विवेदी ने एक आंकड़ा साझा करते हुए वित्तीय साक्षरता के प्रसार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, भारत में केवल 24 प्रतिशत लोग वित्तीय रूप से साक्षर हैं। स्टैंडर्ड एंड पूअर्स फाइनेंशियल सर्विसेज एलएलसी के एक वैश्विक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि दक्षिण एशियाई देशों में 25 फीसदी से भी कम वयस्क वित्तीय साक्षर हैं। द्विवेदी ने वित्तीय साक्षरता को आम भारतीय के लिए प्राथमिकता बनाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत की 76 फीसदी वयस्क आबादी में बुनियादी वित्तीय अवधारणाओं की भी समझ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि एवोक इंडिया फाउंडेशन की ओर से इंटरनेशनल फाइनेंशियल लिटरेसी कॉन्क्लेव 2023 में फाइनेंशियल इंक्लूजन: ब्रिजिंग द गैप विषय पर चर्चा हुई। इस आयोजन में शिक्षा, उद्योग और सरकार के 32 से अधिक प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भारत में वित्तीय समावेशन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में फाइनेंशियल इंक्लूजन एंड लिटरेसी लीडरशिप पुरस्कार 2023 प्रदान किए गए।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/पवन
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