कला संकुल की मासिक संगीत संगोष्ठी, होली संग चैती गीत का भी लूटा भरपूर आनंद
नई दिल्ली, 1 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली सांस्कृतिक कला केंद्र के रूप में उभरते संस्कार भारती 'कला संकुल' में प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को होने वाली मासिक संगोष्ठी में गत रविवार विश्व प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना पद्मश्री रंजना गौहर की उपस्थिति में सफल आयोजन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में स्वयं पद्मश्री रंजना गौहर, संगोष्ठी संयोजिका श्रुति सिन्हा, सह- संयोजक विश्वदीप, कला संकुल व्यवस्था प्रभारी दिग्विजय पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम उद्घाटन किया।प्रथम प्रस्तुति के रूप में मलोबिका मंडल ने होली और चैती गीत से दर्शकों को आनंदित किया।
ताबिश मोहम्मद ने अपने सारंगी वादन से लोगों को आनंद विभोर कर दिया। अंतिम प्रस्तुति के रूप में सोनम चौहान ने कथक नृत्य की प्रभावशाली प्रस्तुति से दर्शकों के मन को मोह लिया। मुख्य अतिथि रंजना गौहर द्वारा सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर रंजना गौहर ने मार्गदर्शन में गुरु शिष्य परंपरा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में गुरु शिष्य परंपरा की एक श्रेष्ठ परंपरा रही है जिसके कारण हमारी भारतीय कला विश्व को दिशा देने में सामर्थ्य हासिल किया है, शिष्य के प्रति गुरु स्नेह और गुरु के प्रति शिष्य का संपूर्ण समर्पण ही योग्य शिष्य बनता है।
उन्होंने भरत मुनि के नाट्य शास्त्र के अवधारणा को कला जीवन का महत्वपूर्ण अंग बताया। कार्यक्रम संयोजिका श्रुति सिन्हा ने सभी कलाकार और दर्शकों को इस संगोष्ठी में पधारने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। सफल मंच संचालन में शशि प्रभा तिवारी की भूमिका रही।
कार्यक्रम को सफल बनाने में तबला वादक प्रदीप पाठक, शिवम आदि का योगदान प्रमुख रूप से रहा। आगत अतिथियों में संस्कार भारती दिल्ली प्रांत के कई अधिकारी सहित दिल्ली के विशिष्ट कलाकर, कला प्रेमी उपस्थित रहे ।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/अनूप
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