संवाद लोकतंत्र की आत्मा है और सदन उसका सबसे सशक्त मंच : विजेंद्र गुप्ता

WhatsApp Channel Join Now
संवाद लोकतंत्र की आत्मा है और सदन उसका सबसे सशक्त मंच : विजेंद्र गुप्ता


नई दिल्ली, 24 दिसंबर (हि.स.)। “आप उस स्थान पर आए हैं जिसे लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता सर्वोच्च होती है और सदन में संवाद, वाद-विवाद तथा चर्चा के माध्यम से ही शासन को दिशा मिलती है” यह बात दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज दिल्ली विधानसभा भवन में अंतर-राज्य युवा विनिमय कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थान से आए युवाओं के साथ संवाद करते हुए कही। यह संवाद राजस्थान के विभिन्न जिलों—दौसा, सीकर, भरतपुर, झुंझुनूं एवं अलवर से आए 40 युवा प्रतिभागियों के साथ आयोजित किया गया।

यह कार्यक्रम माय भारत, जिला युवा अधिकारी कार्यालय, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली (युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था) द्वारा सीसीआरटी, द्वारका के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को भारत के पहले निर्वाचित स्पीकर विठ्ठलभाई पटेल पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। इस वृत्तचित्र के माध्यम से भारत की संसदीय विरासत को रेखांकित किया गया।

अपने संबोधन में अध्यक्ष ने लोकतंत्र के विकास की व्याख्या करते हुए प्राचीन राजतंत्र और आधुनिक संसदीय लोकतंत्र के बीच अंतर स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक लोकतंत्र में नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं और सरकार जनता की सेवक के रूप में कार्य करती है। उन्होंने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किए जाने को इसी लोकतांत्रिक भावना—कर्तव्य और जनसेवा—का प्रतीक बताया।

गुप्ता ने संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि सदन में एकत्र होकर विधायी कार्य, चर्चा और विचार-विमर्श करते हैं और कानूनों का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि संवाद लोकतांत्रिक शासन की सबसे मजबूत नींव है और सदन जनप्रतिनिधित्व, जवाबदेही और विमर्श का केंद्रीय मंच है।

दिल्ली विधानसभा के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए अध्यक्ष ने बताया कि यह भवन 113 वर्षों से अधिक पुरानी जीवंत विरासत है। उन्होंने स्मरण कराया कि 1911 में राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किए जाने के बाद वर्ष 1912 से इस भवन में विधायी कार्य प्रारंभ हुए। उन्होंने कहा कि गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, मदन मोहन मालवीय और विठ्ठलभाई पटेल जैसे महान राष्ट्रीय नेताओं का इस सदन से गहरा संबंध रहा है और यहां हुए विचार-विमर्श व संघर्षों ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने अध्यक्ष के साथ एक-एक कर संवाद किया और अपने अनुभव, सीख एवं विचार साझा किए। प्रतिभागियों को दिल्ली विधानसभा के सदन का भ्रमण भी कराया गया, जिससे वे इसकी कार्यप्रणाली, प्रक्रियाओं तथा ऐतिहासिक विरासत से परिचित हो सके।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

Share this story