मधुमेह को संतुलित करने में सहायक है बीजीआर-34
नई दिल्ली, 03 नवंबर (हि.स.)। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित आहार, नियमित सैर और बीजीआर-34 का सेवन कर मधुमेह को संतुलित रखा जा सकता है।
बीजीआर-34 को लेकर हुए एक अध्ययन का हवाला देते हुए पटना के सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज के सहायक प्रोफेसर प्रभाष चंद्र पाठक ने शुक्रवार को यहां बताया कि बीजीआर-34 मधुमेह को संतुलित रखने में सहायक है। पाठक के नेतृत्व में उनकी टीम ने मधुमेह के उच्च स्तर से ग्रस्त मरीजों का 14 दिनों तक अपनी निगरानी में उपचार किया। इस दौरान बीजीआर-34, आरोग्यवर्धिनी वटी, चंद्रप्रभा वटी और कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा एवं अन्य संबंधित दवाएं शामिल थीं । इन्हें रोजाना दो बार दिया गया। इतना ही नहीं, रोगी को प्रतिदिन एक घंटे की सैर और खानपान में बदलाव भी किया गया। इससे परिणाम यह मिला कि भर्ती के समय मरीज का शर्करा स्तर 254 से घटकर 124 एमजी/डीएल रह गया। हालांकि उपचार को आगे बढ़ाते हुए 14 दिन बाद प्रोटोकॉल में बदलाव कर एक माह और निगरानी भी की गई, जिसके चलते परिणाम और बेहतर पाए गए।
दरअसल, बीजीआर-34 में शामिल दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मेथी एवं मजिष्ठा में ऐसे तत्व हैं, जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करते हैं। इस दवा को सीएसआईआर ने गहन शोध के बाद तैयार किया, जिसका उत्पादन एमिल फार्मास्युटिकल्स कर रही है।
एमिल फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार मधुमेह रोगियों को आजीवन दवाओं के सहारे रहना पड़ता है, उस दिशा में यह अध्ययन काफी महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि मरीज के लिए दवाओं के साथ आहार एवं जीवन शैली की भूमिका अहम है। आगामी दिनों में मधुमेह रोगियों की उपचार यात्रा को आसान बनाया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/दधिबल
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