जाति-भेद रहित संगठित हिन्दू समाज ही रोक सकता है दिल्ली दंगों की पुनरावृति: महंत नवल किशोर दास
नई दिल्ली, 18 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली में 23 से 25 फरवरी 2020 में हुए दंगों में बलिदान हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अम्बिका पैलेस, भजनपुरा, मेन वजीराबाद रोड, उत्तर पूर्वी दिल्ली में चौथी विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, (दिल्ली), श्रेष्ठ एवं दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठनों के माध्यम से किया गया।
दिल्ली संत महामंडल (रा.रा.क्षेत्र) के महामंत्री महंत नवल किशोर दास ने मुख्य वक्ता के तौर पर श्रद्धांजलि सभा में कहा कि यहां जो चित्र लगे हैं दंगों में शहीद हुए बंधुओं के, उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी। केवल हिन्दू होने के कारण उन्हें मारा गया। इसमें कोई जाति भेद नहीं देखा गया, मारे गए हिन्दुओं में अनुसूचित समाज, क्षत्रिय, वैश्य, ब्राह्मण सभी को एक ही नजर से देखा गया कि ये केवल हिन्दू हैं।
महंत नवल किशोर दास ने समस्त हिन्दुओं से जाति-भेद मिटा कर, मिलजुल कर समूह में रहने का आह्वान किया, जिससे दिल्ली दंगों जैसी घटनाएं दोबारा ना घटित हों। जब तक हिन्दुओं में क्षेत्रवाद जातिवाद रहेगा तब तक धर्मद्रोहियों-देशद्रोहियों को अवसर मिलता रहेगा। हिन्दुओं की वृत्ति किसी पर हमला करने की कभी नहीं रही, रामायण में श्री राम ने रावण पर सीधे आक्रमण नहीं किया था पहले रावण के हित के लिए अंगद को भेजा था शांति प्रस्ताव लेकर कि सीता माता को वापस कर दो और अपना राज करो। लेकिन बार-बार शांति प्रस्ताव ठुकराने पर रावण अर्थात अधर्म का अंत किया। जब तक धर्म सुरक्षित है राष्ट्र सुरक्षित है, तभी हम भी सुरक्षित हैं।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, (दिल्ली) के अध्यक्ष सुधीर कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष दिल्ली दंगों की बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है और इसका उद्देश्य हिन्दू समाज को जागरूक करना है। हम सभी सतर्कतापूर्वक अपने आस-पास हो रही असामान्य गतिविधियों पर नजर रखें और समय रहते प्रशासन को सूचित करें।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे पीड़ित परिवार के लोगों ने अपनी आपबीती बताई कि उस समय उत्तर-पूर्वी दिल्ली के क्या हालात थे। किस प्रकार से दंगाइयों द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) की आड़ में पूर्व सुनियोजित तरीके से इन दंगों को अंजाम दिया गया और दिलबर नेगी, दिनेश खटीक, प्रेम सिंह, राहुल ठाकुर, अंकित शर्मा, नरेश सैनी, राहुल सोलंकी, विनोद कश्यप, नितिन कुमार, हेड-कॉन्स्टेबल रतनलाल की नृशंस हत्या की गयी।
श्रद्धांजलि अर्पित करने से पूर्व सारांश फिल्म के बैनर तले बनी दिल्ली दंगों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म “DELHI RIOTS A TALE OF BURN & BLAME“ दिखाई गई।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/आकाश
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